गार्डर आएगा लेट, फिर बढ़ गयी डेट
चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का निर्माण अब 31 मार्च तक होगा पूरा
-मेरठ से स्टील गार्डर आने में हो रही देरी, 36 आये, पीलर पर लग चुके हैं 30 गार्डर vinod.sharma@inext.co.in VARANASI शहर की पब्लिक वर्ष 2018 से ही चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर पर फर्राटा भरने को बेताब है। शासन फ्लाईओवर के निर्माण की डेडलाइन बार-बार बढ़ा कर इस बेताबी को और बढ़ा देती है। कुछ दिन पहले राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने 31 दिसम्बर तक फ्लाईओवर के निर्माण पूरा होने की बात कही थी। इसे एक बार फिर बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दिया गया है। अबकी बार डेट बढ़ने का कारण बने स्टील गार्डर। गार्डर बनाने वाली मेरठ की कम्पनी जेसीएल से अब तक 36 स्टील गार्डर आ चुके हैं। करीब 30 लग चुके हैं। अभी 101 गार्डर और आने हैं। मेरठ में ही बनता है गार्डरचौकाघाटा-लहरतारा फ्लाईओवर निर्माण में पिलर के निर्माण के बाद स्टील गार्डर रखे जा रहे हैं। इनका निर्माण सिर्फ मेरठ में ही होता है। वहां की जेसीएल ही स्टील गार्डर की निर्माता कम्पनी है। फ्लाईओवर में कुल 137 स्टील गार्डर लगेंगे। इसके लिए जेसीएल कम्पनी को आर्डर दिया गया है। एक खेप में करीब 12 गार्डर आते हैं। अब तक तीन खेप में मेरठ से 36 गार्डर आ चुके हैं। इसमें से करीब 30 गार्डर लगा दिये गये हैं। एक-दो दिन में शेष गार्डर भी लगा दिये जाएंगे।
रिवाइज बजट मंजूर फ्लाईओवर प्रोजेक्ट का बजट तीन बार बदला गया है। निर्माण कार्य शुरू होते वक्त 7741.43 लाख रुपये का बजट था। इसके बाद इसकी लागत 130 करोड़ पहुंच गई। पिछले साल हुए हादसे के बाद फ्लाईओवर निर्माण में स्टील गार्डर के चलते 185 करोड़ पहुंच गई। राज्यपाल ने 171 करोड़ के बजट पर मुहर लगाई। इसमें कार्यदायी संस्था सेतु निगम को धनराशि भी मिल चुकी है। धनराशि मिलते ही सेतु निगम ने गार्डर का आर्डर भी दे दिया। चार साल पूरा, काम अधूरा चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण के तहत साल 2015 में 1800 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर को बनाने का शुरू हुआ। कार्य 30 महीने में पूरा होना था। अब तक 70 फीसदी से ज्यादा कार्य पूरा हो गया है। मई 2018 में हुए हादसे के बाद इस काम को 31 जुलाई 2019 में पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन बजट के अभाव में डेडलाइन फिर बढ़ाकर 31 दिसम्बर कर दिया गया था। अब गार्डर के आने में लेट होने के चलते डेडलाइन तीन माह बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दिया गया है। वर्जनचौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर में इस्तेमाल स्टील गार्डर सिर्फ मेरठ में ही बनता है। कम्पनी द्वारा निर्माण में देरी किये जाने से मेरठ से गार्डर की खेप आने में लेट हो रही है। इसके अलावा जल्दबाजी में गड़बड़ी के चांस जाता होते हैं। इस दोनों बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने की तिथि तीन महीने बढ़ा दी गई है।
-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मेरठ स्थित जेसीएल कम्पनी में स्टील गार्डर का निर्माण हो रहा है। कम्पनी को टोटल 137 गार्डर का आर्डर दे दिया है। अब तक 36 आ चुके हैं, जिसमें से करीब 30 लग चुके हैं। अगर गार्डर लेट आएगा तो निर्माण की तारीख आगे बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि कम्पनी को सितम्बर तक टोटल 137 स्टील गार्डर पहुंचाना है। -अरुण कुमार सिंह, परियोजना प्रबंधक-सेतु निगम एक नजर 2012 में शुरू हुआ था फ्लाईओवर बनाने का काम 2015 से चल रहा है चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण का काम 30 माह में पूरा होना था काम 30 दिसंबर 2019 तक काम पूरा करने का है लक्ष्य 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है अभी तक 22 पिलर्स में इस्तेमाल होंगे स्टील के गर्डर 137 स्टील गर्डर का होगा इस्तेमाल 62 पिलर्स हैं फ्लाईओवर में 1800 मीटर लंबा है फ्लाईओवर 171.50 करोड़ का है रिवाइज बजट