- धांधली की शिकायत शासन स्तर तक पहुंचने पर मंडलायुक्त व डीएम ने की कार्रवाई

- हाई कोर्ट के आदेश पर संचालन बंदकर 34 बसों को दिए थे अस्थायी परमिट

मेरठ : आरटीओ स्तर पर सीटी बसों को जारी 34 अस्थायी परमिट मंडलायुक्त ने निरस्त कर दिए हैं। इनके जारी करने में धांधली तथा निर्धारित से कम टैक्स वसूलने की शिकायत शासन से की गई थी। बहरहाल, इस आदेश से परिवहन अफसरों तथा बस संचालकों में हड़कंप है।

146 बसें

मेरठ शहर में दौड़ने वाली सिटी बसों का परिचालन हाई कोर्ट ने वर्ष 2009 में बंद करा दिया था। दरअसल, न्यायालय ने महानगर बस सेवा को ही समाप्त कर दिया था, लेकिन उक्त आदेश का अनुपालन नहीं हो सका। पांच साल से लंबित इस मामले में आरटीए (संभागीय परिवहन प्राधिकरण) ने हाल ही में फैसला लेते हुए शहर में अवैध रूप से दौड़ रहीं 146 सिटी बसों का परिचालन बंद करा दिया, जिससे आवागमन की समस्या खड़ी हो गई।

34 को अस्थाई परमिट

इसी क्रम में आरटीओ की रिपोर्ट पर मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी ने चिह्नित मार्गो पर कुछ अस्थायी परमिट जारी करने की अनुमति आरटीओ को प्रदान की थी। आरोप है कि आरटीओ ने मनमाने तरीके से 34 बसों को अस्थायी परमिट जारी कर दिए। साथ ही कम टैक्स वसूली का भी आरोप लगा। मामले में परिवहन आयुक्त ने जांच बैठा रखी है।

कमिश्नर नाराज

बहरहाल, शासन से की गई शिकायत से मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी खासे नाराज हैं। मंडलायुक्त ने सिटी बसों को जारी सभी अस्थायी परमिट निरस्त कर दिए हैं। साथ ही इन बसों का परिचालन भी बंद कराने का आदेश दिया है। मंडलायुक्त के आदेश से परिवहन अधिकारियों तथा बस संचालकों में हड़कंप की स्थिति है।

इन्होंने कहा

सिटी बसों के अस्थायी परमिट जारी करने में धांधली के आरोप लगे हैं। बड़ी संख्या में अस्थायी परमिट दिए जाने से दोनों अधिकारी खासे नाराज हैं। उन्होंने सभी परमिटों को निरस्त कर दिया है। साथ ही सिटी बसों का परिचालन बंद कराने का भी आदेश प्राप्त हुआ है।

- आरके उपाध्याय

उप परिवहन आयुक्त।

Posted By: Inextlive