-बन्द पड़ा सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चलाएगी आईएलएफएस, होगा डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन

-प्लांट के रेनोवेशन और संसाधनों में आने वाले खर्च का आंकलन करने में जुटी टीम

KANPUR: पनकी भव सिंह स्थित सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट फिर से चालू होगा। इसके आसपास लगे कचरे के पहाड़ से स्थानीय लोगों को छुटकारा मिलेगा। संडे को शासन द्वारा तय की गई आईएलएफएस कम्पनी की टीम शहर आई। उसने नगर निगम अफसरों के साथ मीटिंग की। इससे एकबार फिर डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन की 'सीटी' पूरे शहर में बजने के आसार हैं। साथ ही सड़क पर फैले कचरे से भी छुटकारा मिलेगा। यह टीम करीब एक हफ्ते तक शहर में रहेगी। फिलहाल टीम प्लांट के रेनोवेशन के आंकलन में जुटी हुई है।

लाखों मीटि्रक टन कचरा बना मुसीबत

पहले जेएनएनयूआरएम के अन्तर्गत पनकी भव सिंह प्लांट बनाया गया था। दो साल पहले तक एटूजेड कम्पनी डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन के साथ सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी चलाती थी। कचरे से वह कम्पोस्ट, टाइल बनाती थी। पॉवर जेनरेशन प्लांट भी लगाया था, लेकिन तकरीबन दो साल पहले यूजर चार्ज (रेवेंयू) को लेकर नगर निगम और एटूजेड के बीच खींचतान के चलते एटूजेड कम्पनी ने काम बन्द कर दिया। नगर निगम ने जैसे-तैसे कचरा उठाने की व्यवस्था संभाली और पनकी भव सिंह ले जाने लगा। पर हर रोज निकलने वाले 1100 से 1200 मीट्रिक टन कचरे के कारण अब प्लांट व आसपास 16 लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरा जमा हो गया है। जिसका निस्तारण अब एक बड़ी समस्या बन गया है। वेडनेसडे को शासन द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस सर्विसेज की टीम शहर आई। एमडी महेश बाबू ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। पंकज श्रीवास्तव, एक्सईएन सुरेश चन्द्रा व अन्य अफसरों के साथ सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट प्लांट देखा और फिर मीटिंग की।

एनएचएआई से ले सकती मदद

पनकी भव सिंह प्लांट में जमा लाखों मीट्रिक टन के निस्तारण फिलहाल कम्पनी के लिए बड़ी समस्या है। अफसरों का कहना है कि जब तक यह कचरा निस्तारित नहीं होता है, तब तक प्लांट चलाना मुश्किल है। इसमें एनएचएआई की मदद ली जा सकती है। एनएचएआई अफसरों से टीम दिल्ली की तर्ज पर हाइवे निर्माण में कचरा यूज किए जाने के लिए संपर्क करेगी। थर्सडे को टीम के म्यूनिसिपल कमिश्नर देवेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा के साथ मीटिंग करने की उम्मीद है।

Posted By: Inextlive