-सबमर्सिबल के पानी को बेचा जा रहा बर्फ मिलाकर

-शहर में ढ़ाई हजार से भी अधिक फर्म तैयार कर रही वाटर कैंपर

-बिना रजिस्ट्रेशन के ही दौड़ रहा दूषित पानी का अवैध कारोबार

-लाखों लीटर पानी निकाल छलनी किया जा रहा जमीन का सीना

mohit.sharma@inext.co.in

Meerut: महानगर में पानी के अवैध कैंपर सप्लाई करने का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है। शहरवासियों को पीने का पानी सप्लाई करा रहे ये अवैध कारोबारी न केवल उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि सबमर्सिबल के पानी में बर्फ घोलकर लोगों का स्वास्थ्य भी बिगाड़ रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि पानी के इस अवैध कारोबार पर न तो प्रशासनिक अफसरों की नजर और है न ही समाज सुधारकों की। प्रशासन से बिना एनओसी लिए अंधाधुंध भू जल का दोहन कर रहे इन कारोबारियों को न तो कार्रवाई की फिक्र है और न कानून का डर।

-ये फर्म जितना पानी जमीन से निकाल रही है, क्या उतना हार्वेस्ट किया जाता है ?

-क्या इन फर्मो पर कोई कभी कोई जांच होती है?

-क्या इन कैंपर के पानी की कोई सैंपलिंग होती है?

-क्या इन फर्मो के पास संबंधित विभागों की एनओसी है?

-इस अवैध कारोबार से सरकार को कितना राजस्व चूना लग रहा है?

शहर में ख्भ्0 पानी के कारोबारी

वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर लंबे अरसे से काम रही एक एनजीओ की मानें तो शहर में इस समय ख्भ्0 से अधिक लोग पानी का अवैध कारोबार कर रहे हैं। कानून और किसी भी कार्रवाई से बेखौफ इन लोगों ने गली, मोहल्लों और घरों में वाटर सप्लाई के मिनी प्लांट खोल लिए हैं। घरों से संचालित हो रहे इस अवैध कारोबार से ये लोग रोजाना लाखों का मुनाफा काट रहे हैं।

सबमर्सिबल और बर्फ मिला पानी

दरअसल, वाटर कैंपर के जिस पानी को हम प्योर और प्रदूषण रहित समझ कर पीते हैं। वह पानी किसी आरओ या मशीन का नहीं, बल्कि सबमर्सिबल के माध्यम से जमीन से डाइरेक्ट निकाला हुआ पानी है। पानी के यह अवैध कारोबारी इस पानी में बर्फ की सिल्ली डालकर इसको चिल्ड करते हैं, जिसके बाद पानी को प्लास्टिक के कैंपर में भर कर शहर में सप्लाई कर देते हैं।

बिगड रहा शहर का स्वास्थ

विशेषज्ञों की मानें तो जमीन से निकलने वाले इस पानी को किसी भी प्रकार से ट्रीट नहीं किया जाता, जिससे इस पानी में रेत के आलावा फ्लोराइड, व टीडीएस की मात्रा अत्यधिक रहती है। यह पानी न केवल शहरवासियों को स्वास्थ्य बिगाड़ रहा है, बल्कि उनको असाध्य रोग भी परोस रहा है। कैंपर का पानी पीने से लोगों को डायरिया, त्वचा और पेट संबंधी कई तरह की बीमारियां लगने का डर रहता है, जबकि यह पानी एक लंबे समय के लिए पिया जा रहा है तो लोगों को गंभीर बीमारियां भी लग सकती हैं।

जमीन से निकल रहा लाखों लीटर पानी

दरअसल, शहर में पानी की मांग और उस पर बड़े मुनाफे के फेर में पानी के इन कारोबारियों ने धरती का सीना छलनी कर दिया है। जमीन से रोजाना लाखों लीटर पानी निकाला जा रहा है। एक ओर जहां भूजल स्तर गिरने से शासन अति दोहन का शिकार क्षेत्रों को डार्क जोन घोषित कर रहा है और वहां नए नलकूप और सबमर्सिबल लगाने तक पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में ये कैंपर व्यापारी रोजाना धरती से लाखों लीटर पानी निकाल रहे हैं, जिससे न केवल शासन के वाटर हार्वेस्टिंग प्लान को बट्टा लग रहा है, बल्कि भूजल स्तर लगातार नीचे खिसकता जा रहा है।

बिना एनओसी के दौड़ रहा अवैध कारोबार

एक ओर जहां नगर निगम और एमडीए से लेकर जिला प्रशासन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर ताल ठोंकता नजर आता है, वहीं पानी के अवैध कारोबारी वाटर हार्वेस्टिंग प्लान पर सवालियां निशान लगा रहा हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन कारोबारियों ने न तो प्रशासन से कोई परमीशन ली है और न संबंधित विभागों से कोई एनओसी। बिना रजिस्ट्रेशन के दौड़ रही इन फर्मो से शासन को तो मोटे राजस्व का फटका लग ही रहा है, वहीं दूसरी ओर सारे नियम कायदों की धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं।

नहीं कोई मॉनिटरिंग

जिस पानी से रोजाना लाखों शहरवासी अपना कंठ तर कर रहे हैं, उस पानी पर मॉनिटरिंग एजेंसी ही नहीं बैठाई गई है। इसका मतलब यह है कि इन कैंपरों का दूषित पानी पीने से यदि कोई बीमार हो जाता है या फिर कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो इसके लिए किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। इस पानी का न तो कभी कोई सैंपल भरा जाता है और न कभी कोई टेस्टिंग होती है। यही कारण है कि शहर में इस तरह का कारोबार खूब फल फूल रहा है।

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क्या कहते हैं मानक

नियम तो यह भी है कि यदि कोई फर्म या फिर कंपनी सरकारी परमीशन या एनओसी के माध्यम से निजी स्वार्थ के लिए धरती का पानी इस्तेमाल करता है तो उसको उस मात्रा का या दूना पानी धरती में छोड़ का वाटर लेवल रिचार्ज करना पड़ता है। लेकिन यहां तो रिचार्ज तो दूर प्रशासन को यह भी खबर नहीं कि जमीन से पानी कितना निकाला जा रहा है।

सुलगते सवाल --

-शहर में पानी सप्लाई कर रही फर्मो का कोई रजिस्ट्रेशन है या नही?

-ये फर्म रोजाना जमीन से कितना पानी निकाल रही हैं?

Posted By: Inextlive