- सिटी में चाइनीज पा‌र्ट्स वाले ई रिक्शा की भरमार, कस्टम व ट्रेड टैक्स चोरी करके लाए जा रहे पा‌र्ट्स

- बेहद हल्के और घटिया क्वॉलिटी के होते हैं ये, पैसेंजर्स के लिए कभी भी बन सकते हैं घातक

- आधी कीमत में मिलने के कारण शहर में तेजी से फैल रहे जानलेवा चाइनीज ई रिक्शे

suyash.bajpai@inext.co.in

KANPUR। मेड इन इण्डिया की खाल में चाइनीज ड्रैगन ई रिक्शा के व्यापार में भी घुसा हुआ है। चाइना के पा‌र्ट्स से तैयार करीब दो हजार ई रिक्शा सिटी में खतरा बनकर दौड़ रहे हैं। टैक्स चोरी करके चोरी-छिपे देश में लाए जा रहे चाइनीज पा‌र्ट्स से बने ई रिक्शा सीधे तौर पर अवैध हैं। ये सरकार को राजस्व का भारी चूना तो लगा ही रहे हैं, यहीं नहीं ये पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक हैं। ऐसे ई-रिक्शा के पा‌र्ट्स कभी भी इसमें सवार लोगों की जान के लिए आफत साबित हो सकते हैं। ये हम नहीं खुद एक्सपर्ट कह रहे हैं।

पंजीयन न होने से आरटीओ के हाथ बंधे

इस खुलासे को लेकर अधिकृत ई रिक्शा एसोसिएशन से लेकर परिवहन अधिकारी तक चिंतित हैं। एसोसिएशन के विक्रम कुमार कहते हैं कि ई-रिक्शों का रजिस्ट्रेशन न होने से स्थिति ज्यादा खराब है। सिटी में 5 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं जिनमें करीब 2 हजार पूरी तरह से अवैध हैं। ऐसे रिक्शों की दुर्घटना में बीमा या अन्य चीजों का क्लेम भी नहीं मिलेगा।

क्यों छाए हुए हैं चीनी उपकरण

ऑटो एक्सपर्ट सुमित अवस्थी बताते हैं कि सिटी में चीनी पा‌र्ट्स से बने ई रिक्शा क्यों छाने की प्रमुख वजह ये है कि अधिकृत कंपनियों के ई रिक्शा मार्केट में 1.1 लाख 1.25 लाख तक में मिलते हैं। जबकि चीन से ई रिक्शा बनाने के पा‌र्ट्स ट्रेड टैक्स और कस्टम की चोरी करके कानपुर आ रहे हैं। इस कारण इनको बनाने की लागत लगभग आधी 50 हजार रुपये आती है। जिसे बनाने वाले बड़ी आसानी से 65 से 70 हजार रुपये में इन्हें बेच लेते हैं। अधिकृत ई रिक्शों के पंजीयन अभी तक न होने से ये भी बड़ी आसानी से सिटी में चल रहे हैं।

लखनऊ में पकड़े गए हैं ई रिक्शा

ई रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जसपाल सलूजा ने बताया कि लखनऊ में भी चाइनीज ई रिक्शा चलते हुए पकड़े गए थे। वहां पर परिवहन आयुक्त के निर्देश पर वैध ई रिक्शों का पंजीयन कराने के बाद एक सप्ताह तक चेकिंग अभियान चलाया गया। इसके चलते वहां पर इन लोगों में हड़कंप मच गया था।

खतरे में पैसेंजर्स

चाइनीज ई रिक्शा सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक हैं। इन ई रिक्शा में लगने वाला माल इण्डियन ई रिक्शा के मुकाबले बेहद घटिया क्वॉलिटी का होता है। ई रिक्शा कारोबारी दीपक पाण्डेय ने बताया कि चाइनीज ई रिक्शा में पैसेंजर्स को भी बैठने में खतरा रहता है। इसमें सफर करते समय कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

चाइनीज और इंडियन ई-रिक्शा में फर्क

- चाइनीज ई रिक्शा को हल्का करने के लिए इसकी बॉडी में एलुमिनियम व अन्य धातुओं का यूज होता है। जबकि इण्डियन मेड ई रिक्शा में लोहे का इस्तेमाल होता है। जो भारी होता है लेकिन मजबूत होता है।

- इण्डियन ई रिक्शा में बैलेंसिंग भी अच्छी होती है। ई रिक्शा की चेचिस में 5 इंच की मोटाई का पाइप डाला जाता है। जबकि चाइनीज ई रिक्शा में 2 इंच से ही बेस तैयार किया जाता है।

- पैसेंजर सीट के बगल में बेस भी कमजोर होता है। इण्डियन ई रिक्शा में बेस 6 इंच का जबकि चाइनीज में 3 से 4 इंच का ही होता है।

- चाइनीज ई रिक्शा में बैटरी खराब क्वालिटी की होती है। जिसके फटने का डर होता है, वहीं बैटरी पैसेंजर्स सीट के नीचे ही रखी होती है। जबकि इण्डियन ई रिक्शा में बैटरी नीचे की तरफ होती है जिससे ये ज्यादा सुरक्षित रहते हैं।

- चाइनीज ई-रिक्शा में बैटरी चार्जर भी खराब होता है। जिसके फटने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा इसके पा‌र्ट्स कभी भी टूट सकते हैं।

वर्जन:

सिटी में चोरी-छिपे चीनी पा‌र्ट्स से बने ई रिक्शा की भरमार है। इनकी क्वॉलिटी बेहद घटिया होती है। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। प्रवर्तन दल की कार्रवाई ऐसे ई रिक्शा चालकों को छोड़ा नहीं जाएगा।

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ

Posted By: Inextlive