रांची: अपराध की दुनिया में इन दिनों सबसे बड़ा डर मोबाइल फोन को लेकर हो गया है. ऐसे में अधिकांश बदमाश कांड को अंजाम देते वक्त मोबाइल अपने पास नहीं रख रहे. यही कारण है कि क्राइम का ग्राफ चढ़ता जा रहा है. बदमाशों की यह शातिराना हरकत पुलिस के लिए खासा परेशानी का कारण बन रही है. उसका इंफॉर्मेशन नेटवर्क ध्वस्त होता जा रहा है. सटीक सूचना नहीं मिल पाने से मर्डर सहित तमाम कांडों का खुलासा करने में पुलिस कोपसीने छूट रहे हैं. लोकल थानों के जो चंद मुखबिर हैं वो भी सीधे एसपी के सम्पर्क में रह रहे हैं. पुलिस के पास इंफॉर्मेशन हासिल करने के तमाम हथकंडों में फोन सर्विलांस, काल रिकॉ‌र्ड्स, लोकेशन जैसे एंगल ही रह गए हैं. इंफॉर्मेशन नेटवर्क कमजोर होने से हत्या, दुष्कर्म, लूट और चोरी सहित कई अन्य घटनाओं में शामिल आरोपी आसानी से पुलिस के हाथ नहीं लग पा रहे हैं.

हर दूसरे दिन रांची में एक हत्या

आंकड़ों के मुताबिक राजधानी रांची में पिछले तीन महीनों के अंदर 43 हत्या, 36 दुष्कर्म, 665 चोरी और लूट की 20 लूट की घटनाएं हो चुकी हैं. पुलिस अधिकतर मामलों में शामिल अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है. कुछ साल पहले तक पुलिस के पास मुखबिरों का अच्छा खासा नेटवर्क था लेकिन अब उसके पास मुखबिरों की कमी हो गयी है. जिसकी वजह से किसी भी वारदात का खुलासा करने में पुलिस को काफी मुश्किल हो रही है. इसी कारण थानों में अनसुलझे मामलों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है.

दें ध्यान तो सूचना तंत्र हो मजबूत

जानकारी की मुताबिक सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए पुलिस को मिसलेनियस फंड भी मिलता है. थाने के क्षेत्रों के अनुसार यह राशि 25 से 50 हजार रुपए तक होती है. लेकिन अब इस तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण से पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर होते जा रहा है. मुखबिर भी अच्छी सुविधा नहीं मिलने के कारण पुलिस की मदद करने से कतराने लगे हैं.

सीसीटीवी पर ज्यादा निर्भर

जब मोबाइल नहीं हुआ करता था तब पुलिस मुखबिर तंत्र के बूते बड़ी से बड़ी वारदात का भी खुलासा कर देती थी. मगर हाल के वर्षो में सीसीटीवी, कॉल रिकार्ड, लोकेशन ट्रेस करने समेत अन्य तकनीक पर ज्यादा निर्भर हो गयी है. लेकिन उसे इन सबसे भी कुछ खास फायदा नहीं मिल रहा है.

घटनाएं जिनका नहीं हुआ खुलासा

2 दिसंबर 2018-पंडरा ओपी क्षेत्र के रहने वाले सामी मुंडा को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी, जिसके बाद 15 दिसंबर को उनकी मौत हो गयी.

29 दिसंबर 2018-बड़ा घाघरा में जमीन कारोबारी अरुण किस्पोट्टा की गोली मार हत्या कर दी गयी थी.

8 जनवरी 2019- डोरंडा थाना क्षेत्र के घाघरा में अज्ञात अपराधियों ने ग्रामसभा सचिव शंकर सुरेश के दोस्त सामू की हत्या की थी.

9 अप्रैल 2019-कांके थाना क्षेत्र में पुराने पावर हाउस के अंदर 50 वर्षीय महिला की दुष्कर्म के बाद गला रेत कर मर्डर किया गया था.

16 अप्रैल 2019-जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के विधानसभा मैदान के पास नाले में युवती की दुष्कर्म के बाद हत्या.

19 अप्रैल 2019-नगड़ी थाना क्षेत्र में पूर्व उप मुखिया प्रकाश तिग्गा की गोली मारकर कत्ल.

24 अप्रैल 2019-हटिया स्टेशन के पास संतोष कुमार को अपराधियों ने गोली मार कर घायल कर दिया.

27 अप्रैल 2019-सरना समिति के सदस्य प्रदीप तिर्की को भी अपराधियों ने गोली मारी थी.

Posted By: Prabhat Gopal Jha