-अमृत योजना के तहत नगर पालिका क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान का कार्य प्रस्तावित

-जल निगम ने तैयार किया है प्रस्ताव, जमीन मिलते ही कार्य होगा शुरु

मुगलसराय : अमृत योजना के तहत नगर पालिका क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान का कार्य प्रस्तावित है। इसके लिए योजना बना ली गई है। अब केवल जमीन की तलाश जारी है। योजना को मूर्तरूप देने के लिए लगभग दो हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है।

गंदे पानी से मिलेगा छुटकारा

नगर में सीवर की व्यवस्था न होने के कारण बरसात के मौसम में नालियों व सीवर का पानी सड़कों पर बहता रहता है। नगरवासियों को इसी गंदे पानी से होकर आना-जाना पड़ता है। पिछले कई वर्षों से नगरवासी नगर में सीवरेज सिस्टम बनाने की मांग भी कर रहे हैं। बावजूद इसके अब तक नगर में सीवर नहीं बनाए गए हैं। छोटे नगरों व कस्बों में सीवरेज सिस्टम के लिए केंद्र सरकार इन दिनों अमृत योजना चला रही है। इस संबंध में जल निगम के अधिशासी अभियंता राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जमीन के लिए जिलाधिकारी व नगर पालिका प्रशासन के अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखा जा चुका है।

आर्सेनिकयुक्त पानी है समस्या

जनपद में एक बड़ी समस्या हैंडपंपों से आर्सेनिकयुक्त पानी का निकलना है। आर्सेनिकयुक्त पानी का उपयोग करने के कारण प्रतिवर्ष कई लोग बीमार पड़ते रहते हैं। जल निगम ने इस ओर अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है। आर्सेनिकयुक्त पानी की सबसे ज्यादा समस्या पड़ाव के आसपास के क्षेत्रों में है। सूजाबाद, बहादुरपुर, सतपोखरी, मढि़या, रतनपुर, कटेसर आदि गांवों में आर्सेनिकयुक्त पानी पाया गया है। इसके अलावा कैथी, पूरा, नादी आदि गांवों में भी आर्सेनिकयुक्त पानी मिला है।

इस संबंध में जल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि विभाग समस्या को गंभीरता से ले रहा है।

कब होंगे हैंडपंप रिबोर

जिले में 1 हजार 1 सौ 50 हैंडपंप रिबोर की बाट जोह रहे हैं। खराब पड़े इन हैंडपंपों के कारण लोगों के समक्ष पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। जल निगम के अधिशासी अभियंता का कहना है कि इन हैंडपंपों को रिबोर कराने के लिए पिछले दिनों योजना बनाकर शासन को भेजा गया है। अभी तक शासन से स्वीकृति नहीं मिली है। शासन द्वारा स्वीकृति मिलने और धन उपलब्ध कराने के बाद खराब पड़े सभी हैंडपंपों का रिबोर करा दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive