-देवदीपावली पर बनारस कम आए टूरिस्ट

-जो आए उन्होंने भी कैश बचाते हुए online किया पेमेंट

VARANASI

बड़े नोटों की बंदी का असर टूरिज्म पर भी नजर आ रहा है। देवदीपावली पर इस बार जहां टूरिस्ट्स की संख्या में गिरावट आयी है वहीं उनके जरिए मिलने वाला लाभ भी कम हुआ है। इसके चलते सैकड़ों उन परिवारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है जो टूरिज्म से होने वाले आए पर निर्भर हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें अब पूरे साल का इंतजार करना पड़ेगा।

कम हुए डोमेस्टिक टूरिस्ट

देवदीपावली का आकर्षण पूरी दुनिया में है। इसे निहारने के लिए भारत के साथ ही दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। भारत पाकिस्तान के बीच तनाव ने इस बार दूर देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या घटा दी। वहीं बड़े नोट बैन होने की वजह से आर्थिक परेशानी झेल रहे डोमेस्टिक टूरिस्ट भी बनारस कम संख्या में आए। टूर ऑपरेटर अनुराग द्विवेदी के अनुसार पर्यटकों की संख्या में इस बार गिरावट हुई है। हर बार लगभग भ्0 हजार से अधिक विदेशी और लगभग दो लाख से अधिक डोमेस्टिक टूरिस्ट देवदीपावली देखने बनारस आते थे। इस साल लगभग ख्0 हजार फॉरेन और लगभग एक लाख डोमेस्टिक टूरिस्ट आए।

नहीं किया खर्च

जो टूरिस्ट बनारस आए उनके पास भी वो नोट नहीं थे जिनका उपयोग वो घूमने-फिरने, खरीदारी, खाने-पीने समेत अन्य खर्च के लिए करते। टूर ऑपरेटर मुकेश तिवारी का कहना है कि देवदीपावली का नजारा लेने की चाहत में यहां आने वाले ऐसा टूर प्लान बनाते थे जिसमें वो इस शहर के और खास स्थानों को भी देख सकें। कम से कम दो-तीन दिन यहां गुजारते थे। गंगा में नौका विहार, करते थे, सारनाथ, रामनगर जाते थे। बनारसी साड़ी समेत अन्य सामान खरीदते थे, होटल-रेस्तरां में खाते-पीते थे। इसमें उनका पैसा ऐसे लोगों के पास पहुंचता था जो इस कारोबार से जुड़े हैं। बनारस में दो हजार नाविक, डेढ़ सौ रेस्तरां, दो सौ गेस्ट हाउस, सौ होटल टूरिस्ट पर निर्भर हैं। सिर्फ देवदीपावली पर आने वाले टूरिस्ट से लगभग क्00 करोड़ इस शहर में आते हैं। लगभग दस हजार परिवार की आय बनारस आने वाले टूरिस्ट से होती है। इस बार ज्यादातर टूरिस्ट ने सिर्फ एक दिन का प्लान बनाया। वो सिर्फ देवदीपावली देखने आए। ऐसे में उनके रुपये काफी कम खर्च हुए। ज्यादातर पेमेंट उन्होंने ऑनलाइन ही किया।

Posted By: Inextlive