लोकतंत्र का महापर्व आने वाला है, जिसे लेकर शहर में जबरदस्त उत्साह है। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते यहां की बात ही कुछ और है। चट्टी-चौराहों पर 2019 के चुनाव को लेकर युवाओं में चाय के साथ शराब बंदी, आतंकवाद, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, नोटबंदी आदि मुद्दों पर गरमा गरम बहस हो रही है। इन्हें पता है कि राजनीतिक पार्टियां मिलेनियल्स के दम पर सत्ता पर बैठने का दम भरती हैं। देश के उबलते मुद्दों पर अपने विचार और बात रखने वाले इन वोटरों का बॉडी लैंग्वेज देखकर लगता है कि वाकई नये भारत का निर्माण हो रहा है। दास नगर कालोनी में शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'मिलेनियल्स स्पीक' के मंच से 18 से 38 साल के युवा वोटर आगामी सरकार से क्या चाहते हैं और क्या सोचते हैं, यही जानने की कोशिश की।

पूरे भारत में शराब बंद होना चाहिए

मिलेनियल्स वोटरों के बीच में पहुंचे रेडियो सिटी के आरजे समीर के कड़क चाय के साथ चर्चा शुरू करते ही युवा वर्ग ने शराब बंदी का मुद्दा उठाया। कहा कि जो शराब बंद करेगा, वही सरकार बनाएगा। कहा कि बिहार, गुजरात में शराब बंद हो सकती है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं। सभी का तर्क था कि शराब से परिवार बर्बाद हो रहा है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। शराब से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वैवाहिक जीवन में दरार पड़ रही है। गांवों की स्थिति और भी खराब हो रही है। अक्सर जहरीली शराब से हजारों मौत हो रही हैं। कुछ ने तो यंगस्टर्स गुटखा पर भी प्रतिबंध लगाने की आवाज उठाई।

पात्र को नहीं मिल रहा लाभ

चर्चा के दौरान यंगस्टर्स ने कहा कि सरकार के लाख प्रयास के बावजूद पात्र या गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। रोजगार, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, पेंशन, भत्ता आदि सरकारी मदद का लाभ कुछ खास को ही मिल रहा है। सर्व शिक्षा अभियान, इंटर तक लड़कियों को फ्री एजुकेशन, छात्रवृत्ति के बावजूद आम लोगों के लिए शिक्षा आज भी महंगी है। ये सारी सुविधाएं सरकारी स्कूलों में उपलब्ध हैं, लेकिन वहां पढ़ाने वाले अध्यापक ही व्यवस्था को चौपट कर रहे हैं। यही हाल चिकित्सा का भी है। आम पब्लिक के लिए सरकार आयुष्मान से लेकर तमाम योजनाएं चला रही है लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते स्वास्थ्य सेवाएं आमजन को नसीब नहीं होती है। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की मॉनीटरिंग होनी चाहिए।

जीएसटी और नोटबंदी सही नहीं

जीएसटी ओर नोटबंदी के मुद्दे पर यंगस्टर्स में नाराजगी दिखी। कहा कि दोनों निर्णय बिना प्लानिंग और जल्दबाजी में लिये गए। सरकार आंकड़ों की बाजीगरी से इसे सही साबित करने पर तुली है, लेकिन सच्चाई यह है कि पहले नोटबंदी ने उद्योग-धंधे को चौपट किया, बाकी कसर जीएसटी ने पूरा कर दिया। सरकार ने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा। वर्तमान स्थिति देखकर यह नहीं लगता। जीएसटी के बावजूद टैक्स चोरी हो रही है। फरवरी में राजस्व में भारी कमी आयी है।

कड़क मुद्दा

मिलेनियल्स स्पीक के प्लेटफार्म पर पुलिसिया व्यवहार का मुद्दा छाया रहा। यंगस्टर्स ने कहा कि पुलिस की कार्य पद्धति काफी हाईटेक हो गई, लेकिन व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ। थाने में आज भी पुलिस गलत भाषा का इस्तेमाल करती है। बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता है। यंगस्टर्स ने कहा नये भारत में क्राइम पेट्रोल वाली पुलिस की जरूरत है।

सतमोला खाओ

उबलते मुद्दे और कड़क बात के दौरान मिलेनियल्स वोटरों के सामने रखा गया कि नये भारत के निर्माण में सरकारी अधिकारियों की मुख्य भूमिका होगी, इस पर वह भड़क गए। कहा कि यही लोग हैं, जो देश को खोखला करने पर तुले हैं। यह अधिकृत है, इसलिए इसका लाभ उठा रहे हैं। पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। सरकारी योजनाओं का कैसे लाभ उठाना है, जिसकी जानकारी सिर्फ अपने चेहरों को देते हैं, वही लाभ भी उठाते हैं।

देश हित में काम करने वाले को ही मेरा वोट जाएगा। वर्तमान सरकार किसान, नौजवान, बच्चे यानी सबके लिए काम किया है।

-सौजन्य शुक्ला

युवाओं को नौकरी देने वाली पार्टी के पक्ष में वोट करेंगे। देश में बेरोजगारी की समस्या खत्म नहीं हो रही है। इस मुद्दे पर सरकार का विशेष फोकस रहना चाहिए।

-अश्विनी शर्मा

गरीबों और दबे-कुचले लोगों के लिए लिए काम करने वाली पार्टी को मैं वोट करूंगा। वैसे इस सरकार ने कुछ काम किया है। पर आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सफल नहीं है।

-राजकुमार विश्वकर्मा

पूरे भारत में शराब बंद की घोषणा करने वाली पार्टी को ही मेरा वोट जाएगा। जीएसटी में अभी भी काफी जटिलता है। उम्मीद है कि आने वाली सरकार बदलाव करेगी।

-नवल केशरी

शराब और गुटखा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने वाली पार्टी को ही मैं मतदान करुंगा। वर्तमान सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया। शराब ही गरीबों की कमर तोड़ रही है।

-अजय दत्त

देश हित में जो भी पार्टी काम करेगी, उसी को वोट दूंगा। मेरे लिए सबसे पहले देश है। इसके बाद अन्य मुद्दे आते हैं। चिकित्सा और शिक्षा में सुधार होना चाहिए।

-संजय अग्रवाल

किसान और पिछड़ों के लिए काम करने वाली पार्टी को ही मैं वोट करूंगा। गांव में आज भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। सरकार वहां बुनियादी सुविधाएं अभी तक मुहैया नहीं करा पायी है।

-सुशील कुमार

मेरी बात

देश में पूर्ण रूप से शराब बंदी कराने वाली पार्टी को मतदान करूंगा और लोगों को जागरूक भी। शराब से हमारा समाज काफी टूट चुका है। शराब की वजह से वह मुख्य धारा में नहीं आ पा रहे हैं, जिससे मैं काफी दुखी हूं। इसके बाद आतंकवाद और भ्रष्टाचार मेरा मुद्दा है।

-चंदन विश्वकर्मा

Posted By: Inextlive