मोबाइल टॉवर को लेकर वीडीए में आई तमाम शिकायतें

वीडीए वीसी ने अधिकारियों को दिये जांच के आदेश

नियमों को उल्लंघन करने वाले टॉवर गिराए जाएंगे

600 से अधिक मोबाइल टॉवर लगे हैं शहर में

300 से अधिक मानक को नहीं करते हैं पूरा

200 से टॉवर लगे हैं शहर की घनी आबादी में

vinod.sharma@inext.co.in

VARANASI

शहर की संकरी गलियों, कॉलोनियों और घनी आबादी में मोबाइल टॉवर मौजूद हैं। ये शहर को बदसूरत बनाने के साथ शहरवासियों के सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर लगाए गए इन मोबाइल टॉवरों पर अब वीडीए की निगाह टेढ़ी हो गयी है। लगातार आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए उन पर कार्रवाई की तैयारी है। वीडीए वीसी वीसी ने विभागीय अधिकारियों को मोबाइल टॉवरों की जोनवार जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

साहबब लगता है डर

वीडीए में पहुंची रही शिकायतों में किसी को टॉवर गिरने का डर सता रहा, गंभीर बीमारी तो कोई पर्यावरण को लेकर चिंतित है। सबसे अधिक डर पक्के महाल और संकरी गलियों में रहने वालों को लग रहा है। छतों पर टॉवरों के गिरने का डर पड़ोसियों को सता रहा है। उनका तर्क है कि अधिकतर टॉवर पुरानी बिल्िडग की छतों पर लगे हैं, जो भूकंप के हल्के झटके से गिर सकते हैं।

यह है नियम

-वीडीए के नियम के अनुसार प्राकृतिक आपदा की स्थिति में टॉवर का निर्माण संकरी गलियों में नहीं होगा।

-सेफ्टी मानकों के आधार पर मकान की मजबूती के संदर्भ में अधिकृत इंजीनियर और संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। -यदि टॉवर का निर्माण भवन की छत पर किया जाता है तो टॉवर का निचला भाग भवन की छत से न्यूनतम तीन मीटर ऊपर होना चाहिए।

-टॉवर निर्माण के पूर्व मानचित्र, शपथ पत्र, अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र और निर्धारित राशि वीडीए में जमा होना चाहिए।

-टॉवर परिसर के प्रवेश द्वार पर चेतावनी सूचक साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य है।

-साइन बोर्ड पर खतरा आरएफ, विकिरण, 'कृपया टॉवर में प्रवेश न करें' लिखा होना चाहिए।

तीसरी श्रेणी वाले टॉवरों का गिरना तय

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने बताया कि शहर में लगे मोबाइल टॉवरों की रिपोर्ट आने के बाद तीन श्रेणी बनायी जाएगी। पहली श्रेणी में मानक को पूरा करने वाले टॉवरों को रखा जाएगा। दूसरी में जान-माल की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा। कुछ मानकों से समझौते की गुंजाइश रहेगी, लेकिन तीसरी श्रेणी यानी बिना परमिशन या जर्जर मकान की छतों पर लगे टॉवर को रखा जाएगा। इन टॉवरों को हर-हाल में गिराया जाएगा।

वर्जन

मोबाइल टॉवरों को लेकर कई शिकायतें आई हैं। इनका अध्ययन करने के बाद अधिकारियों को जांच के आदेश दिये गये हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी टॉवर मानक के अनुरूप नहीं मिलेंगे, उस पर तत्काल कार्रवाई होगी।

-राहुल पांडेय, वीसी-वीडीए

Posted By: Inextlive