फ्लैग: एलईडी स्ट्रीट लाइट का ठेका लेने वाली कंपनी गायब, ठेके का दिया ठेका

- 23,422 स्ट्रीट लाइट्स में लगाई गई थी एलईडी लाइट

-फॉल्ट के चलते सड़कों पर पसरा है अंधेरा, नगर निगम बेबस

हॉफ कॉलम- सोडियम लाइट रिप्लेस कर दिया लेकिन नहीं किया एलईडी पर केबलिंग का काम

BAREILLY:

शहर की सड़कों को रौशन करने के लिए लगाई गई एलईडी लाइट्स अंधेरे का सबब बन गई हैं। ठेका लेने वाली कंपनी लाइट लगाकर गायब हो गई। मरम्मत के लिए ठेके पर ठेका दे दिया। बारिश शुरू होते ही फॉल्ट के चलते स्ट्रीट लाइट्स की बत्ती गुल होने लगी। हालात यह हो गए हैं कि 60 परसेंट स्ट्रीट लाइटें बुझ चुकी हैं। नगर निगम बेबस होकर कंपनी से लाइटों को मरम्मत करने की गुहार लगा रहा है।

कंपनी ने किया आधा अधूरा काम

जबकि, कंपनी को 6 वर्ष के लिए ठेका दिया गया है। फिर, भी कंपनी ने आधा-अधूरा काम कर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है। सोडियम लाइट बदल कर एलईडी लगाने के साथ ही कंपनी को केबलिंग का भी काम करना था, और उसकी के साथ एलईडी लाइटों को कनेक्शन देना था। लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया। जिसकी वजह से नई लाइटें लगने के बाद 60 फीसदी स्ट्रीट लाइटें वर्क नहीं कर रही हैं। हालांकि, कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि शहर में ऑफिस नहीं होने से समस्या आ रही है। जल्द ही ऑफिस बनने के लिए केबलिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। 2 महीने में समस्याओं का निस्तारण कर लिया जाएगा।

शासन से होनी थी मॉनीटरिंग

बता दें कि बिजली की बचत और स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सोडियम लाइट को रिप्लेस कर 23,422 एलईडी लाइटें लगायी गई हैं। एनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी रिप्लेसिंग का हंड्रेड परसेंट काम पूरा कर लिया है। शासन स्तर से टेंडर प्रक्रिया संपन्न हुई और वहीं से कंपनी की सभी गतिविधियों पर निगरानी की जा रही है। शासन स्तर से टेंडर होने की वजह से अनियमितता की कई शिकायतें मिलने के बाद भी नगर निगम फिलहाल कंपनी पर सीधे कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। नगर निगम के अधिकारी सिर्फ और सिर्फ लेटर बाजी तक ही सीमित होकर रह गए हैं। कंपनी का ठेका शासन स्तर से हुआ है। इसलिए नगर निगम के अफसर एक्शन नहीं ले पा रहे हैं।

बढ़ रही चोरी और चोटिल होने की घटना

नगर निगम का प्रकाश विभाग स्ट्रीट लाइट का हर वर्ष करीब 15 करोड़ रुपए बिजली बिल का भुगतान कर रहा है। फिर भी रोड और गलियों में अंधेरा छाया हुआ है। जिसका फायदा चोर उचक्के उठा रहे हैं। राह चलते मुसाफिरों को अपना निशाना बना रहे है। चोरी और लूट की घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से भाग निकलते हैं। अंधेरे के कारण उनका चेहरा भी पहचान पाना मुश्किल हो पाता है। जिससे वह पुलिस की गिरफ्त में भी आसानी से नहीं आते। वहीं दूसरी ओर एक्सीडेंट होने का चांज भी कई गुना बढ़ जाता है। गिर कर चोटिल होने का भी डर बना रहता है।

एक नजर में

- 32 हजार खंभे लगे हैं गलियों व मोहल्लों में।

- 23,622 एलईडी लाइट्स लगी हैं खंभों पर।

- 800 डिवाइडर पर लगे हैं खंभे, एलईडी लगी।

- सोडियम लाइट हटाकर एलईडी लाइट लगायी गई हैं।

- 15 करोड़ प्रकाश विभाग देता है सलाना बिजली बिल।

- 11.5 करोड़ रुपए की बचत, एलईडी लगने पर।

- 250 वाट प्रत्येक सोडियम लाइट्स की है खपत।

- 40 वाट मोहल्ले, 80 वाट हाइवे पर लगी हैं एलईडी।

- 70 परसेंट तक बिजली बिल में बचत की संभावना

एलईडी लगाने का काम पूरा हो चुका है। लेकिन केबलिंग नहीं हो सका है। जिसकी वजह से अधिकतर स्ट्रीट लाइटें नहीं जल रही है। इसके लिए कंपनी को लेटर लिखा गया है।

राजेश श्रीवास्तव, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive