LUCKNOW: बंग्लुरू के विराज अनंत ने देश की 17 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के लिए आयोजित हुई कॉमन लॉ एडमीशन टेस्ट (क्लैट-2016) में सबसे अधिक अंक हासिल कर टॉप किया। विराज ने 174.5 अंक हासिल किए। क्लैट का रिजल्ट रविवार देर शाम जारी कर दिया गया। विराज के बाद दिल्ली के वंश अग्रवाल काी दूसरे नम्बर पर रहे। उन्होंने 172.7 अंक हासिल कर नाम रोशन किया।

राजधानी के मेधावी भी इस परीक्षा में छाए हैं। शहर के हर्ष श्रीवास्तव, किसलय द्विवेदी और अनुभूति अग्रवाल ने शहर का नाम रोशन किया। 165.25 अंकों के साथ हर्ष ने 26वीं रैंक हासिल की। किसलय द्विवेदी 28वें पायदान पर रहे हैं। उन्हें 200 में से 165 अंक मिले हैं। अनुभूति अग्रवाल की 62वीं रैंक मिली है। बताते चले कि क्लैट-2016 का आयोजन पटियाला के राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने किया था। आठ मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी। स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया गया। स्नातक की 2204 और परास्नातक की 514 सीटों पर दाखिले के लिए देश भर में परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में करीब 45 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

हर्ष श्रीवास्वत

रैंक-26वीं

अंक-165.25

- 'क्लैट की नहीं आर्मी की थी तैयारी'

लामार्टीनियर कॉलेज से 2015 में आईएससी पास आउट करने वाले हर्ष ने बताया कि उन्होंने क्लैट के बारे में सोचा नहीं था। उन्होंने बताया कि मैं तो आर्मी की तैयारी में जुटा था। आर्मी की परीक्षा से पहले फ्रैक्चर होने के कारण उसमें शामिल नहीं हो सका। लेकिन तैयारी तो पूरी थी। ऐसे में क्लैट में शामिल होने का मन बना लिया। 26वीं रैंक के बारे में हर्ष कहते हैं कि यह महज एक संयोग है। लेकिन अब लॉ यूनिवर्सिटी बंगलुरू से पढ़ाई करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि मेरे पिता जस्टिस राकेश श्रीवास्तव इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैं। मां सुधा श्रीवास्तव हैं और मेरा बड़ा भाई उत्कर्ष श्रीवास्वत दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है।

किसलय द्विवेदी

रैंक -28वीं

अंक -165

'क्लैट के लिए एक साल ड्राप भी किया'

सिटी इंटरनेशनल स्कूल से 2015 में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले किसलय ने बताया कि मुझे शुरू से ही पढ़ाई का शौक रहा। उन्होंने बताया कि क्लैट की तैयारी के लिए एक साल ड्राप भी किया। किसलय ने बताया कि उन्होंने एक्सपर्ट एडवाइज के अनुसार स्टडी पर फोकस किया। शुरुआत में मॉक टेस्ट मं दो घंटे निकल जाते थे। एक महीने पहले इतनी प्रैक्टिस हो गई कि समय से 36 मिनट पहले ही पेपर पूरा हो जाता। उन्होंने बताया कि अखबार से पढ़ने की आदत के चलते क्लैट और आसान हो गया। उनके पिता हेमंत द्विवेदी ऑल इंडिया रेडियो में इंजीनियर हैं और मां शिवा पाण्डेय समाजसेविका हैं।

Posted By: Inextlive