Varanasi: यूनियन टूरिज्म मिनिस्टर सुबोध कांत सहाय ने कहा है कि वाराणसी अगर यूपीए गवर्नमेंट की क्लीन इंडिया कैम्पेन से जुड़े तो इस शहर की तस्वीर बदल जाएगी. जब शहर साफ होगा तो टूरिस्ट्स चार गुने तक बढ़ जाएंगे. अभी वाराणसी की जो हालत है वह कहीं ने कहीं टूरिस्ट्स को दु:खी करती है. उन्होंने ये भी घोषणा की कि जल्द ही वाराणसी में एक नया गौतम बुद्ध घाट बनेगा जिसे सेंट्रल गवर्नमेंट अपने खर्च पर बनवाएगी.


चार गुना बढ़ा टूरिज्म का बजट शनिवार को बौद्ध कॉनक्लेव के इनॉगरेशन प्रोग्राम में बोलते हुए सुबोध कांत ने कहा कि यूपीए गवर्नमेंट ने माना है कि टूरिज्म ही देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा कर सकता है। हाल में हुई जी-20 कंट्रीज की मीटिंग में भी इस बात पर चर्चा हुई कि टूरिज्म को प्रमोट करके रोजगार के नये अवसर पैदा किये जा सकते हैं। यही वजह है कि यूपीए गवर्नमेंट ने पिछले चार साल में टूरिज्म के डेवलपमेंट के लिए चार गुना बजट बढ़ा दिया है। 45 करोड़ हैं बौद्ध फॉलोवर्स


सुबोध कांत सहाय ने ये भी बताया कि पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के प्रति आस्था रखने वालों की संख्या करीब 45 करोड़ है। जबकि भारत में बौद्ध धर्म का उद्भव और विकास हुआ। ऐसे में भारत बौद्ध धर्म के लोगों के लिए किसी मक्का, मदीना से कम नहीं। यदि बौद्ध फॉलोवर्स में से आधा परसेंट भी यहां हर साल आएं तो मैं दावे से कह सकता हूं कि 30 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए जरूरी है कि बौद्ध सर्किट को और ज्यादा डेवलप किया जाए और बौद्ध फॉलोवर्स को स्प्रिचुअल टूरिज्म के अलावा भारत के अन्य टूरिज्म की ओर जैसे एडवेंचर, मेडिकल, विलनेस और बीच टूरिज्म की ओर अट्रैक्ट किया जाए। फिलहाल हम भारत के 8000 किमी। कोस्टल लाइन को बीच टूरिज्म के रूप में डेवलप कर रहे हैं। बिहार ने भी गिनाईं उपलब्धियां बिहार के टूरिज्म मिनिस्टर सुनील कुमार पिंटू ने अपनी स्पीच में नीतीश सरकार की ओर से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों को गिनाया। बताया कि 2006 में जहां 1.7 करोड़ डोमेस्टिक और 94 हजार फॉरेन टूरिस्ट्स पहुंचे थे वहीं 2011 में डोमेस्टिक टूरिस्ट्स की संख्या 1.85 करोड़ और 9.72 लाख पहुंच गयी। उड़ीसा के पर्यटन मंत्री महेश्वर मोहंती ने कॉन्क्लेव की उपलब्धियों की चर्चा की और उड़ीसा को देश के पर्यटन उद्योग में बड़ा रोल बताया। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन मंत्री नवांग रिंगजिन जोरा ने जम्मू सरकार की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के बारे में बताते हुए इसमें केन्द्र को सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। कॉनक्लेव को माना मील का पत्थर

आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्री वटी वसंत कुमार ने भी आंध्र के टूरिज्म के बारे में डिस्कस करते हुए बौद्ध कॉनक्लेव को टूरिज्म के विकास के लिए मील का पत्थर बताया। अध्यक्षता करते हुए मूलचंद चौहान ने कहा कि सरकार बनारस सहित अन्य क्षेत्रों को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तरह से लगी हुई है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण यूपी के पर्यटन सचिव मनोज कुमार सिंह ने दिया। स्पीच देने वालों में यूएनडब्लूटीओ के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर मैरीको फेविला, सेंट्रल टूरिज्म सेक्रेटरी आरएच ख्वाजा, जॉइंट सेक्रेटरी आनंद कुमार, यूपी टूरिज्म के डायरेक्टर अभिलाष चंद्र शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव, भिक्षु नवांग जोहरा, भिक्षु टीजी रिनपोछे, भिक्षु डॉ। टी शिबली, भिक्षु सुमेध थेरो भी शामिल रहे। संचालन मल्लिका मल्होत्रा व थैंक्स केंद्र सरकार में अतिरिक्त सचिव पर्यटन गिरीश शंकर ने दिया। मौका देखकर मार दिया चौका

तीन दिनों तक चलने वाले बौद्ध कॉनक्लेव की धमाकेदार शुरुआत में भले ही हर राज्य के मंत्री, केन्द्रीय मंत्री ने अपनी उपलब्धियों गिनाई हो लेकिन अपने शहर के मेयर राम गोपाल मोहले ने इस कॉनक्लेव का पूरा फायदा उठाया। प्रोग्राम की शुरुआत के बाद अपनी स्पीच में बोलते हुए मेयर रामगोपाल मोहले ने शहर की समस्याओं के बारे में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री को अवगत कराया और कहा कि अगर इन दुश्वारियों से शहर को निजात मिल जाये तो शहर में आने वाले टूरिस्ट्स की संख्या दुगनी से भी ज्यादा हो जायेगी। मेयर ने कहा कि शहर में रोजाना ही एक लाख से ज्यादा टूरिस्ट्स आते हैं। ये यहां आते तो हैं लेकिन तमाम दिक्कतों से इन्हें दो-चार होना पड़ता है। उन्होंने सुबोध कांत से कहा कि 'प्लीज मंत्री जी शहर के टूरिज्म को बचाने के लिए शहर का डेवलपमेंट भी करिए तभी काम बनेगा। इसके लिए जरूरी है शहर की सड़कों, पुरानी इमारतों को संरक्षित करने और पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की'।

Posted By: Inextlive