अर्श से फर्श पर आया इलाहाबाद
क्लीन सिटी सर्वे 2017 में इलाहाबाद रहा 247वें रैंक पर
2016 के सर्वे में तेजी से सुधार वाले टॉप 10 शहरों में था शामिल, मिला था सम्मान ALLAHABAD: लास्ट इयर टॉप टेन मूवर्स सिटी में शामिल पूरे देश के लिए सफाई व्यवस्था में नजीर बनने वाला अपना शहर एक साथ के भीतर ही औंधे मुंह गिर गया। गनीमत सिर्फ इतनी है कि दो साल पहले वाली स्थिति में इस बार सुधार हुआ है। गुरुवार को जारी सफाई सर्वे रिपोर्ट से नगर निगम के अफसरों के कान खड़े हो गए हैं। अफसर कमियां खोजने में लग गए हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इस पर मंथन शुरू हो गया है। इंदौर ने मैसूर को पीछे छोड़वर्ष 2017 के क्लीन सिटी सर्वे से पता चलता है कि सफाई के मामले में देश के कई शहरों में बड़ा बदलाव हुआ है। क्लीन सिटी सर्वे 2016 में मैसूर शहर नंबर वन पोजिशन पर था। इस बार इंदौर देश का सबसे क्लीन सिटी बन गया है। भोपाल सेकेंड पोजिशन पर है। यूपी का कोई भी शहर टॉप टेन लिस्ट में शामिल नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 32वां स्थान मिला है।
434 शहरों में हुआ सर्वेपिछले वर्ष केंद्र सरकार ने देश के 75 शहरों में क्लीन सिटी सर्वे कराया था। इसमें अपना इलाहाबाद भी शामिल था। 2017 के क्लीन सिटी सर्वे में 434 शहरों को शामिल किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के 62 शहर शामिल थे। स्वच्छता अभियान के तहत कराए गए सर्वे का रिजल्ट गुरुवार को दिल्ली में घोषित किया गया।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल 2016 में इलाहाबाद टॉप 10 लिस्ट में इसलिए शामिल हुआ था क्योंकि उस समय हाईटेक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम काम कर रहा था। कूड़ा कलेक्शन गाडि़यों में जीपीएस लगाया गया था, वर्कशॉप में कैमरे से निगरानी हो रही थी। आधुनिक तरीके से बसवार स्थित प्लांट में कूड़े का निस्तारण हो रहा था। डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन की निगरानी चिप से हो रही थी। शहर के व्यस्त बाजारों में रात्रि कालीन सफाई हो रही थी। सफाई व्यवस्था में अप्रत्याशित सुधार और बेहतर परिणाम के लिए पिछले वर्ष केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने मेयर अभिलाषा गुप्ता और तत्कालीन नगर आयुक्त देवेंद्र पांडेय को दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया था। पूरे देश में इलाहाबाद का नाम रौशन हुआ था। देश के कई नगर निगमों के पार्षद व अधिकारी यहां की सफाई व्यवस्था देखने और वर्किंग को समझने के लिए यहां आए थे। ये रही कमियांसॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम साल भर के अंदर हुआ फेल
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन लगभग पूरी तरह से हो चुका है बंद बसवार प्लांट में भी नहीं हो रहा है कूड़े का निस्तारण कूड़े से खाद बनाने की प्रक्रिया हो चुकी है बंद एनएफसी के थ्रू डीटीडीसी की कंट्रोलिंग भी हुई बंद फैक्ट फाइल 2015 में भी केंद्र सरकार ने 500 शहरों का क्लीन सिटी सर्वे कराया था, जिसमें इलाहाबाद 369वें स्थान पर था। 2016 में 75 शहरों के बीच सर्वे हुआ तो तेजी से सुधार की ओर बढ़ रहे शहरों में इलाहाबाद टॉप 10 लिस्ट में सातवें स्थान पर शामिल हुआ। सर्वे का ये था पैमाना बेहतर वेस्ट कलेक्शन सॉलिड वेस्ट प्रोसेशन खुले में शौच से मुक्ति पिछले वर्ष हरी-भरी के बेहतर वर्क डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की वजह से ही इलाहाबाद टॉप टेन मूवर्स सिटी में शामिल हुआ था। इस बार नगर निगम प्रशासन ने हरी-भरी को सपोर्ट नहीं किया। हरी-भरी को सपोर्ट किया गया होता तो ऐसी स्थिति न होती। अभिलाषा गुप्ता मेयर, नगर निगम, इलाहाबादहरी-भरी ने डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन सही तरीके से नहीं किया। प्लांट संचालन में भी लापरवाही हुई। इसी से रैंकिंग खराब हुई। भविष्य में और बेहतर काम किया जाएगा।
शेषमणि पांडेय
नगर आयुक्त, नगर निगम