देश में विकसित कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन का बुधवार से भुवनेश्वर के आईएमएस एंड सम अस्पताल की स्पेशल लैब में ह्यूमन क्लिनिकल ट्राॅयल होगा।इसका ट्राॅयल ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा तय प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा।


भुवनेश्वर (एएनआई)। मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम अस्पताल में सोमवार को कोरोना वायरस वैक्सीन, प्रिवेंटिव एंड थेरैप्टिक क्लीनिकल ट्रायल यूनिट के ह्यूमन क्लिनिकल ट्राॅयल की शुरुआत हुई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) द्वारा 'पहली' संभावित स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' बनी है। इसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा फर्स्ट और सेकेंड फेज क्लिनिकल ह्यूमन ट्राॅयल के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। वॉलेंटियर की भर्ती और स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी


प्रोफेसर जी साहू, डीन, आईएमएस और एसयूएम अस्पताल, भुवनेश्वर ने एएनआई को बताया कि 22 जुलाई से शुरू होने वाले ह्यूमन ट्राॅयल के फर्स्ट फेज के लिए 30-40 उम्मीदवारों को चुना जाएगा। प्रोफेसर जी साहू ने कहा कि वॉलेंटियर की भर्ती और स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है। स्क्रीनिंग के बाद हम ट्राॅयल के पहले फेज के लिए 18-55 वर्ष की आयु के बीच स्वस्थ व्यक्तियों का चयन करेंगे। हम बुधवार को कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन क्लीनिकल ट्राॅयल के फर्स्ट फेज की शुरुआत करेंगे। हम ट्राॅयल में शामिल कैंडीडेट की निगरानी करेंगे और वे हमारे साथ लगातार संपर्क में रहेंगे। सभी सावधानियों का पालन होना चाहिए

डीन ने यह भी कहा कि हम वैक्सीनेशन के बाद उनके ब्लड में एंटीबॉडी लेवल का टेस्ट करने के लिए उन्हें यहां बुलाएंगे, फिर हम दूसरे और फिर तीसरे फेज के लिए जाएंगे। जब तक एक वैक्सीन नहीं मिल जाती है और आसानी से उपलब्ध नही हो जाती है, तब तक देश में मामलों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस के लिए सभी सावधानियों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

Posted By: Shweta Mishra