मेरठ के मीट प्लांटों को एमडीए का अल्टीमेटम

मार्च माह से पूर्व बड़ी कार्रवाई के मूड में है विभाग

Meerut। एमडीए ने एक तीर से दो शिकार करने की योजना बना ली है। मेरठ में संचालित अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की रणनीति प्राधिकरण अधिकारी बना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कार्रवाई से पहले अफसरों ने बूचड़खाने संचालकों को कंपाउंडिंग कराने का प्रस्ताव भी रखा है।

ज्यादातर बूचड़खाने अवैध

मेरठ में हापुड़ रोड पर संचालित ज्यादातर बूचड़खाने अवैध हैं। इनका नक्शा एमडीए से अप्रूव्ड नहीं है। पिछले दिनों प्राधिकरण ने कुछ बूचड़खानों पर तालाबंदी भी की थी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कमिश्नर स्तर पर इस प्रकरण में सुनवाई चल रही है। ग्राम प्रधान के लेटर कृषि भूमि की प्रकृति परिवर्तित किए बिना एमडीए की सीमा अंतर्गत अल्लीपुर जिजमाना एवं आसपास के गांवों में छोटे-बड़े अवैध बूचड़खानों का संचालन हो रहा है। ज्यादातर ने नक्शों को पास नहीं कराया है तो वहीं विभिन्न तरह की अनियमितताएं भी प्रकाश में आ रही हैं। एमडीए ने ऐसे बूचड़खानों में तालेबंदी की फिर से योजना बनाई है।

ऐसे मिलेगी राहत

शासन के निर्देशन में एमडीए इन बूचड़खानों को राहत भी दे सकता है। शर्त है कि सभी बूचड़खाने कृषि भूमि की प्रकृति परिवर्तित कराकर निर्माण की कंपाउंडिंग कराएं। एमडीए अधिकारियों ने बूचड़खाना संचालकों को कार्रवाई के पहले एक मौका देने की योजना बनाई है। एमडीए का प्रयास है कि ज्यादातर बूचड़खानों की कंपाउंडिंग की जा सके, जिससे प्राधिकरण के खजाना भी भर जाए और तोड़फोड़ भी न करनी पड़े। एमडीए वीसी के निर्देशन में सीटीपी जेएन रेड्डी और संबंधित क्षेत्र के जोनल अधिकारी तय करेंगे कि बूचड़खाने कंपाउंडिंग की स्थिति में हैं कि नहीं। बूचड़खानों को नोटिस देने की कार्यवाही प्राधिकरण ने आरंभ कर दी है।

इनसेट

टारगेट ने बढ़ाई मुश्किल

टारगेट ने एमडीए अफसरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बता दें मार्च माह के अंत तक प्राधिकरण को करीब 13 करोड़ कंपाउंडिंग के मद में जुटाना है। ऐसे में एमडीए वीसी ने सभी जोनल अधिकारियों को ताबड़तोड़ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं तो वहीं मंशा यह भी है कि कंपाउंडिंग फीस का टारगेट पूरा कर लिया जाए। सभी 4 जोनल प्रभारियों समेत अधिकारियों के साथ मीटिंग कर वीसी दिनवार समीक्षा कर रहे हैं।

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मेरठ में संचालित अवैध बूचड़खानों के खिलाफ प्राधिकरण जल्द कार्रवाई करेगा। हालांकि बूचड़खाना संचालकों को कम्पाउंडिंग कराने का एक मौका देने पर भी एमडीए विचार कर रहा है।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए

Posted By: Inextlive