ग्राहकों की पसंद बन रहे कपड़े के थैले
दो से तीन रुपए में ग्राहकों को मिल रहा डिस्पोजेबल थैला
कपड़ों के थैलों की सप्लाई और डिमांड हो गई शुरु Meerut। सरकार की पॉलीथिन बैन योजना अब धीरे-धीरे कारगर साबित हो रही है। इसके तहत एक तरफ प्रशासन ने जहां पॉलीथिन के लिए सख्ती शुरु की, वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों ने दुकानों पर कपडे़ के थैले रखने शुरु कर दिए हैं। हालांकि अभी इन थैलों के लिए ग्राहकों से पैसा वसूला जा रहा है लेकिन उम्मीद है कि पॉलीथिन की तरह जल्द ही यह मुफ्त थैले उपलब्ध होंगे। पर्यावरण के लिए बेहतरपॉलीथिन के विकल्प के तौर पर गत वर्ष भी डिस्पोजेबल यानि हल्के कपडे़ के थैले बाजार में उपलब्ध हुए थे लेकिन पॉलीथिन बैन की मुहिम परवान ना चढ़ पाने के कारण ये थैले बाजार में आने के साथ ही गायब हो गए थे लेकिन इस बार प्रशासन की सख्ती को देखते हुए पॉलीथिन की तरह कपड़ों के थैलों की सप्लाई और डिमांड शुरु हो गई है। व्यापारी अपनी और ग्राहकों की सुविधा के लिए थैले रख रहे हैं।
2 से 3 रुपए में मिल रहा थैलाये थैले अभी बाजार में अलग-अलग दामों में उपलब्ध हैं इनकी क्वालिटी के अनुसार रेट व्यापारियों द्वारा अलग अलग वसूले जा रहे हैं। छोटे साइज में पांच किलो तक का थैला 1 रुपए 10 किलो तक का थैला 2 से 3 रुपए में दिया जा रहा है। पॉलीथिन ना मिलने पर ग्राहक इस थैले को ही बतौर विकल्प आसानी से अपना भी रहे हैं।
पॉलीथिन प्रतिबंधित होने के बाद कपड़ों के थैले आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं ग्राहकों को भी यह पसंद आ रहे हैं। प्रतीक अग्रवाल कपडे़ का थैला अच्छा विकल्प है जो ग्राहक खुद का थैला नही लेकर आते हैं उनको अब यही थैला दिया जा रहा है। मो। फैसल अभी तक केवल दिल्ली से ही इन थैलों की सप्लाई हो रही है इसलिए रेट थोड़ा ज्यादा है। मेरठ में बनने शुरु होंगे तब रेट कम हो जाएगा। राजेंद्र