- बरसाती नदी-नाले उफान पर, कई गांवों में घुसा मलबा, बिजली गुल, फसलों को नुकसान, कई मवेशी मरे

- देवाल ब्लॉक में मलबे में दफन मां-बेटी की तलाश जारी, टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में मां-बेटे का शव बरामद

DEHRADUN: उत्तराखंड में पहाड़ों में बारिश ने जमकर तबाही मचाई। बारिश के साथ बादल फटने और आकाशीय बिजली गिरने से कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। थर्सडे को रात में चमोली, टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में चार इलाकों में बादल फटने से बरसाती नदी-नालों में उफान आ गया। इसके साथ मलबा गांवों में घुस गया। इससे दो परिवारों के चार लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए। टिहरी जिले में मां-बेटे के शव बरामद कर लिए गए, जबकि चमोली में मां-बेटी की खोजबीन चल रही है। इन जिलों में 30 आवास, 24 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई। 200 से ज्यादा मकानों में पानी और मलबा घुस गया। 42 मवेशियों के भी मारे जाने की सूचना है। प्रभावित इलाकों में दो दर्जन पैदल पुलिया और 60 से ज्यादा संपर्क मार्ग बह गए। प्रभावित परिवारों को आसपास के सरकारी स्कूलों और पंचायत घरों में ठहराया गया है। प्रशासनिक टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया। रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के तीन वार्र्डो में बरसाती नालों का पानी घुसने से तीन सौ से ज्यादा परिवारों की घंटों सांसें अटकी रही। बारिश के कारण कई गांवों में बिजली गुल है। कुमाऊं मंडल में मौसम सामान्य रहा। प्रदेशभर में 155 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।

चमोली में बादल फटने से नुकसान

चमोली जिले में थर्सडे शाम से ही बारिश हो रही थी। देर रात देवाल और दशोली ब्लॉक में बारिश से भारी नुकसान हुआ। देवाल विकासखंड के पदमला, फल्दियागांव, उलंग्रा, तलौर, बामनबेरा गांवों के ऊपरी इलाके में बादल फटा। इससे बरसाती नाले उफान पर आ गए और पानी के साथ मलबा गांवों में घुस गया। स्थानीय निवासी रमेश राम की 29 वर्षीय पत्‍‌नी पुष्पा और उसकी पांच साल की बेटी ज्योति मलबे की चपेट में आ गई। ज्योति कमरे में सोई हुई थी, पुष्पा उसे लेने गई थी। उनकी खोजबीन की जा रही है। पूरे इलाके में बिजली गुल है। मलबे से गांव में करीब डेढ़ दर्जन के करीब मकानों को नुकसान पहुंचा है। दर्जनभर गौशालाएं जमींदोज होने से 24 मवेशी मारे गए। कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। सूचना पर एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम ने नुकसान का जायजा लिया। प्रभावित परिवारों को फिलहाल प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल के भवनों पर ठहराया गया है। निवर्तमान प्रधान पुष्कर फस्र्वाण व नरेन्द्र ने बताया कि बरसाती नाले पर बनी छह पैदल पुलिया और 10 घराट बह गए हैं। सैकड़ों नाली कृषि भूमि मलबे से दब गई है। पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई। विधायक मुन्नी देवी, पूर्व विधायक प्रो जीतराम ने गांव पहुंचकर प्रभावितों की सुध ली। चमोली जिले में दशोली विकासखंड के सैकोट-मैठाणा गांव में भी बादल फटने व्यापक क्षति हुई है। यहां मलबे से तीन आवासीय भवन धराशायी हो गए। घुड़साल गांव में एक भवन और गौशाला ढह गई, उसमें चार मवेशी दफन हो गए। मैठाणा गांव में अलकनंदा के बहाव से दो घर क्षतिग्रस्त हो गए, सात घरों को खतरा पैदा हो गया। इन सभी को प्रशासन ने खाली करा दिया है। प्रभावितों को आसपास के स्कूलों में ठहराया गया है। उफान से नंदप्रयाग-चमोली बाईपास मार्ग पर बना पुल को भी नुकसान पहुंचा है। कोठियालसैंण चमणाऊं मोटर मार्ग पर हो रहे भूस्खलन के कारण आसपास के भवनों को खतरा बना हुआ है। इस ब्लॉक के कांडा गांव में एक गोशाला ढह गई, पैदल पुलिया और संपर्क मार्ग बह गए।

गदेरे उफान पर, मची तबाही

बादल फटने की तीसरी घटना रात ढाई बजे टिहरी जिले के भिलंगना ब्लाक में हुई। यहां थार्ती गांव के सौड़ तोक बादल फटने से नैलचामी बरसाती नाला उफान में आ गया। मलबे से एक मकान मलबा ढह गया। इसमें मां-बेटे समेत पूरा परिवार दब गया। उन्हें ग्रामीणों ने खुद ही रेस्क्यू कर मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक मां और बेटे की मौत हो चुकी थी। इनकी पहचान मकानी देवी (34) व उसके पांच वर्षीय बेटे शूरवीर के रूप में हुई। हादसे में मकानी देवी की दो बेटियां व सास, ससुर चोटिल हो गए। एक गंभीर घायल को पिलखी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इसी जिले के कीर्तिनगर क्षेत्र के डागर गांव में भी बादल फटने की सूचना है, बताया गया कि यहां एक गौशाला टूट गई, गांव जाने के पैदल रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए।

आकाशीय बिजली से सैकड़ों बकरियां मरीं

उत्तरकाशी के पुरोला इलाके के निकटवर्ती जंगल में थर्सडे रात आकाशीय बिजली गिरने से ढाई सौ से ज्यादा बकरियां मर गई। इन्हें चरवाहे जंगलों में लेकर गए हुए थे। चरवाहों ने किसी तरह जान बचाई।

अलकनंदा नदी में बहा युवक

पौड़ी जिले के फरासू में एक युवक पुश्ता ढहने के कारण बाईक समेत अलकनंदा में समा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फरासू में मुख्य मार्ग पर भूस्खलन की वजह से यातायात रुका हुआ था। तभी एक युवक वहां किनारे खड़ी एक व्यक्ति की बाईक का सहारा लेकर वहां का नजारा देखने लगा। तभी सड़क किनारे पुश्ता ढह गया और इसके साथ ही बाइक और युवक अलकनंदा के उफान में समा गए। उसने लुढकते हुए उसने एक पत्थर को पकड़कर बचने का प्रयास भी किया, लेकिन असफल रहा। थोडी ही देर में वह नदी की लहरों में गुम हो गया। युवक कौन था, कुछ पता नहीं चल पाया है।

Posted By: Inextlive