- यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाला पुल बहा, तप्त कुंड मलबे से पटे

- डीएम ने लिया जायजा, 60 लोगों को सुरक्षित जानकीचट्टी पहुंचाया

UTTARKASHI: उत्तरकाशी के यमुनोत्री धाम और मोरी ब्लॉक में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। मुख्य मंदिर को जोड़ने वाला एक पुल बह गया, जबकि काली कमली धर्मशाला का आधा हिस्सा और पांच दुकानें यमुना में समा गई। इसके साथ ही गरम पानी के कुंड मलबे से पट गए। उत्तरकाशी के डीएम डॉ। आशीष चौहान ने बताया कि मुख्य मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है और धाम में ठहरे 11 तीर्थ यात्रियों और 10 तीर्थपुरोहितों समेत 60 लोगों को सुरक्षित जानकीचट्टी पहुंचा दिया गया है। डीएम ने बादल फटने की घटना से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण ऐसा हुआ है।

धर्मशाला का आधा हिस्सा बहा

स्थानीय लोगों के अनुसार यमुना के उद्गम स्थल कालिंदी पर्वत के सप्तऋषि कुंड में बादल फटा है। यमुनोत्री में सोमवार रात करीब 11 बजे बारिश शुरू हो गई थी। रात ढाई बजे से तीन बजे के बीच तेज धमाके की आवाज से लोगों की नींद खुल गई। काली कमली धर्मशाला में कैंटीन संचालक और स्थानीय नागरिक जयपाल सिंह पंवार ने बताया कि बाहर निकले तो देखा यमुना नदी उफान पर थी। देखते ही देखते उफनती नदी धर्मशाला के आधे भाग को बहा ले गई। यमुना में आया मलबा धाम के दोनों गरम कुंडों में जा घुसा। इसके अलावा परिसर में वीआईपी हॉल, दो गेस्ट रूम, यमुनोत्री मंदिर के भंडारे का स्टोर और प्रसाद का स्टॉल भी बह गए। उन्होंने बताया कि धाम में इन दिनों यात्रियों की संख्या बेहद सीमित है। ज्यादातर यात्री दर्शनों के बाद रात्रि विश्राम के लिए जानकीचट्टी लौट जाते हैं। यही वजह थी जान का नुकसान नहीं हुआ। काली कमली धर्मशाला में कोई यात्री नहीं था। यात्री यमुना धर्मशाला में ठहरे थे, जिसे नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि सभी लोग सुरक्षित स्थान की ओर भागे। सुबह एसडीआरएफ के जवानों ने उन्हें जानकीचट्टी पहुंचाया।

पैदल मार्ग का 50 मीटर हिस्सा बहा

यमुनोत्री धाम प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी से पांच किलोमीटर दूर है। यह दूरी पैदल ही नापनी होती है। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी डॉ। आशीष जोशी और उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक ददन पाल ने बताया कि पैदल मार्ग का 50 मीटर भाग बह गया है। उन्होंने बताया कि अब वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है।

मोरी में भी फटा बादल ने नुकसान

बादल फटने की दूसरी घटना उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील में हुई। जिला मुख्यालय से करीब 200 किलोमीटर दूर इस इलाके में सुबह साढ़े पांच बजे अलनिया नाला उफान में आ गया। इससे दो पुलिया, छह घराट और एक पनचक्की बहने के साथ ही खेत मलबे से पट गए हैं। तहसीलदार माधोराम के मुताबिक राजस्व टीम मौके पर है और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

चारधाम यात्रा मार्ग पर यातायात बाधित

बारिश के कारण मलबा आने से चार धामयात्रा मार्ग भी बाधित हो रहे हैं। मंगलवार को सुबह बदरीनाथ हाईवे पर तीन और केदारनाथ हाईवे दो स्थानों पर मलबा आ गया। जिससे आवाजाही ठप हो गई। हालांकि दोपहर तक यातायात सुचारु कर लिया गया था। इसके अलावा मलबा आने से गंगोत्री हाईवे नौ और यमुनोत्री सात घंटे बंद रहा। इधर, राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक प्रदेश में बुधवार को हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं, जबकि गुरुवार को भारी बारिश की संभावना है।

Posted By: Inextlive