RANCHI : इस मौसम को क्या नाम दें पिछले दो दिनों से आसमान में छाए बादल और मंगलवार को हुई रिमझिम बारिश से मौसम का मिजाज कुछ ऐसा बदला कि ठंड वापस लौट गई है। एक तरह तापमान गिरा है तो दूसरी तरफ हवाएं कनकनी का अहसास करा रही है। जनवरी के पहले-दूसरे हफ्ते में जहां तापमान चढ़ा था, वहीं पिछले 48 घंटे के दरम्यान मौसम के अचानक यू टर्न से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ठिठुरन लोगों के दैनिक दिनचर्या को खासा प्रभावित कर रहा है।

दो डिग्री गिरा पारा

आसमान में बादल की वजह से तापमान पर खासा असर नहीं पड़ा है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज नहीं की गई, पर अधिकतम तापमान दो डिग्री सेंटिग्रेड लुढ़क गया। हालांकि, बारिश के कारण हवा में नमी देखने को मिली। मंगलवार को रांची का अधिकतम तापमान 25. 5 डिग्री सेंटिग्रेड और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेंटिग्रेड दर्ज किया गया। कांके में इस दौरान अधिकतम पारा 24 डिग्री और न्यूनतम पारा 11 डिग्री रहा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बादल के छंटने के बाद ठंड और बढ़ सकती है।

साउथ वेस्टर्न डिस्टर्बेस ने बदला मौसम का मिजाज

बीएयू, कांके के मौसम वैज्ञानिक डॉ ए वदूद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में साउथ वेस्टर्न और अरब सागर में साउथ इस्टर्न में बने लो प्रेशर की वजह से झारखंड के मौसम में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। उत्तर-पश्चिम में बर्फबारी के कारण झारखंड में भी बारिश हो रही है और ठंड बढ़ी है। चूंकि हवाएं उत्तर-पश्चिम से बहती हैं। इस सीजन में उत्तर भारत में बर्फबारी कम हुई थी, जिस कारण ही रांची का तापमान थोड़ा गर्म हो गया था। जनवरी के पहले-दूसरे सप्ताह में तापमान बढ़ने की यही वजह थी, हालांकि, जैसे ही आसमान साफ होगा, तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ जाएगी।

ठंड में पारा चढ़ना अच्छा संकेत नहीं

रांची में इस साल कम ठंड पड़ी है। एक तो बारिश कम हुई है और ऊपर से यहां के तालाब भी गायब होते जा रहे हैं। ठंड में पारा का बढ़ना चिंतनीय है। मौसम में इस तरह का बदलाव अच्छा संकेत नहीं है। इसके लिए हम सभी जिम्मेवार हैं। ग्लोबल वार्मिग के साथ रिजनल वार्मिग भी जेनरेट हो रही है। जंगलों की वृहत स्तर पर कटाई और माइंस में लगी आग से मौसम गरम हो रहा है। पार्क कल्चर भी अब नहीं देखने को मिल रहा है। ऐसे में ठंड भी अब कम पड़ रही है।

नीतीश प्रियदर्शी, पर्यावरणविद

Posted By: Inextlive