फ्लैग एक वर्ष बाद भी बिट्टू का नहीं लग सका सुराग

- आज ही के दिन कमलानगर कर्मयोगी एंक्लेव से गायब हुआ था अभिषेक उर्फ बिट्टू

- बेटे की खोज में पिता का कारोबार ठप, रोज दूरदराज स्थानों पर जाकर करते तलाश

आगरा। थाना न्यू आगरा के कर्मयोगी कमला नगर निवासी अभिषेक उर्फ बिट्टू को आज लापता हुए पूरा एक साल हो गया, लेकिन अब तक उसका सुराग नहीं मिल सका। परिजनों को अब भी उसके लौट आने की उम्मीद है। इंटीरियर कारोबारी पिता ने बेटे की तलाश में कारोबार तक ठप कर दिया। वह रोज किसी न किसी स्थान पर जाकर बेटे की तलाश करते हैं। खाली हाथ रहने से परिवार का पुलिस से विश्वास उठ चुका है।

कोचिंग जाने के दौरान हुआ गायब

सेंट पीटर्स में कक्षा नौ के छात्र अभिषेक उर्फ बिट्टू के पिता संजय अग्रवाल इंटीरियर कारोबारी हैं। दो बहनें अनु व खुशबू हैं। पांच जनवरी 2016 को वह घर से साइकिल लेकर कोचिंग जाने के लिए निकला था। लेकिन इसके बाद घर नहीं लौटा। दूसरे दिन उसकी साइकिल एक मार्केट के पास खड़ी मिली, लेकिन उसकी कोई जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस और परिवार तभी से उसकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका है।

परिवार की पथरा गई आंखें

बेटे की याद में परिवार टूट चुका है। लेकिन उसके आने की आस बनी हुई है। बहनें और मां रजनी की आंखे इंतजार में पथरा गई है। हर दिन उनके लिए एक उम्मीद की तरह होता है। घर के बाहर से आने वाली आवाज बिट्टू की लगती है। मां कई बार बच्चों की आवाज सुन बाहर दौड़ पड़ती है और फिर निराश होकर वापस लौट जाती है।

पिता लगा रहे चक्कर

पिता संजय अग्रवाल बेटे की तलाश में रोज कहीं न कहीं जा रहे हैं। वह अब तक 50 से अधिक स्थानों पर बेटे की तलाश कर चुके हैं। मंगलवार को वह फीरोजाबाद की तरफ तलाश करने गए थे। बुधवार को अलीगढ़ से 20 किलोमीटर दूर एक गांव में बेटे की तलाश के लिए गए थे। लेकिन यहां पर भी उसका कोई सुराग नहीं लगा।

पुलिस से उठ गया विश्वास

संजय अग्रवाल का कहना था कि पुलिस ने उनके बेटे की तलाश ठीक से नहीं की। पुलिस ने इस मामले में शुरू से निष्क्रियता दिखाई। पुलिस शुरू में मामले में तेजी दिखाती तो कुछ पता चल सकता था, लेकिन पुलिस उसका एक भी सुराग नहीं लगा सकी। अभी तक परिवार को पुलिस की तरफ से निराशा ही हाथ लगी है।

अब भी है परिवार को आस

संजय अग्रवाल का कहना था कि उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा है। एक दिन उनका बिट्टू जरूर मिल जाएगा। परिवार के अलावा कॉलोनी के लोग भी आस लगाए हुए हैं। साल के हर तीज-त्योहार पर उसके आने की तैयारी की जाती है। सुबह से लेकर रात तक परिजनों की आंखें उसके आने की राह देखती हैं।

Posted By: Inextlive