-20 सितम्बर को सीएम ऑफिस में की गई थी समीक्षा तो हेल्पलाइन का मिला हाल खराब

-प्रमुख सचिव ने दो दिन में समाधान कर पोर्टल पर रिपोर्ट अपडेट करने का दिए निर्देश

बरेली:

पब्लिक की समस्याओं का समाधान समय से हो। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईजीआरएस पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन शुरू की। इसकी निगरानी सीएम ऑफिस से की जाती है। लेकिन बरेली के अफसर पब्लिक की समस्याओं को लेकर कितने सेंसिटिव है इसका अंदाजा 20 सितम्बर को प्रमुख सचिव के द्वारा जारी हुई रिपोर्ट को देखकर लगाया जा सकता है। आईजीआरएस पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन नम्बर पर आने वाली शिकायतों का समाधान करने में बरेली के अफसर काफी पीछे हैं। डिफॉल्टर और लंबित शिकायतों को लेकर सीएम ऑफिस से जारी हुई प्रदेश की टॉप टेन रैंकिंग में बरेली नम्बर वन पर है। इस रैंकिंग को सुधारने के लिए प्रमुख सचिव की तरफ से दो दिन का समय दिया गया है।

निकायों ने कराई फजीहत

रिपोर्ट के अनुसार डिफाल्टर और लंबित शिकायतों में सबसे ज्यादा नगर निकायों की हैं, जबकि अन्य विभागों की शिकायतें कम हैं। प्रमुख सचिव की तरफ से 25 सितम्बर को नगर निकायों को आदेश दिया गया कि दो दिन में समस्याओं का समाधान कर रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दें। हालांकि सीएम ऑफिस का आदेश बरेली के अफसरों को 27 सितम्बर को मिल सका। आदेश मिलने के बाद एडीएम-ई ने सभी विभागों को शिकायतों का समाधान कर रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश दिया है।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों का हाल

डिस्ट्रिक्ट डिफाल्टर शिकायतें लंबित शिकायतें

बरेली 110 167

वाराणसी 80 396

कानपुर शहर 59 935

आगरा 56 356

शाहजहांपुर 19 85

देवरिया 15 29

मेरठ 15 286

गाजियाबाद 14 293

खीरी 13 64

झांसी 13 151

20 सितम्बर को हुई समीक्षा

सीएम आफिस से ऑनलाइन आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन 1076 पर आने वाली शिकायतों की समीक्षा की गई, जिसमें बरेली आईजीआरएस पोर्टल पर आई शिकायतों के समाधान की स्थिति तो ठीक मिली लेकिन हेल्पलाइन नम्बर पर आने वाली शिकायतों का समाधान करने में बरेली पिछड़ गया। हेल्पलाइन नम्बर पर आई शिकायतों में 110 शिकायतें डिफाल्टर तो 167 लंबित मिली। इसी आधार पर यूपी के डिफाल्टर की लिस्ट जारी की गई जिसमें बरेली नम्बर निकला, जबकि वाराणसी दूसरे और कानपुर तीसरे नंबर पर है।

-सीएम हेल्पलाइन और आईजीआरएस पोर्टल को लेकर प्रमुख सचिव का सामान्य निर्देश आया है, कि जो भी निस्तारण हो वह गुणवत्तापरक हो और समय से हो। इसके लिए प्रयास यही किए जा रहे हैं कि डिफाल्टर न रहे और शिकायत गुणवत्ता परक हो सके।

विजय कुमार सिंह, एडीएम-ई

Posted By: Inextlive