-जल जीवन हरियाली यात्रा के दूसरे चरण में सीएम का मिथिलांचल दौरा

DARBHANGA/PATNA: दुनिया के बड़े-बड़े देशों में जलवायु परिवर्तन पर केवल चर्चा ही हो रही है। लेकिन, हमलोगों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। सोचिए, यदि बिहार के लोगों ने इस अभियान को सफल बना दिया तो पूरी दुनिया में इसकी चर्चा होगी। यह बात सीएम नीतीशु कुमार ने कही। वे दरभंगा के बेनीपुर प्रखंड के मुर्तुजापुर में बोल रहे थे। सीएम नीतीश कुमार ने कृषि विज्ञानियों से अपील की कि वे मौसम के अनुकूल फसल को लेकर रिसर्च करें। इससे बाढ़ व सुखाड़ की मार झेल रहे राज्य के किसानों को मदद मिलेगी। साथ ही किसानों को जागरूक करने का आग्रह किया कि वे फसल अवशेष को खेतों में नहीं जलाएं। मुख्यमंत्री गुरुवार को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दूसरे चरण में मिथिलांचल ( समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी जिले) के दौरे पर थे।

तो जीवन पर संकट है

मधुबनी जिले के राजनगर की सिमरी पंचायत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल व हरियाली नहीं रहेगी तो जीवन पर संकट है। इसलिए इस यात्रा पर निकले हैं। मुख्यमंत्री ने डॉ। राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि, पूसा के कुलपति डॉ। आरसी श्रीवास्तव के साथ काफी देर विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली योजना का महत्वपूर्ण भाग है मौसम के अनुकूल फसल। इसलिए जरूरत है कि इसपर अधिक से अधिक रिसर्च हो।

Posted By: Inextlive