सीएम योगी आदित्यनाथ योगी ने प्रदेश में बन रहे पांच मेडिकल काॅलेजों का दौरा खुद ही किया। वहीं निरीक्षण दौरान सुस्त गति से चल रहे काम पर उन्होंने एक्शन लेने की भी चेतावनी दी...


lucknow@inext.co.in LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बन रहे पांच मेडिकल कॉलेजों की सुस्त गति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर हाल में इनका निर्माण 31 अक्टूबर तक हो जाना चाहिए। सोमवार को लोकभवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि मैं आगामी 15 से 20 अगस्त के दौरान इनमें से किसी भी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर उसकी प्रगति देखूंगा और अगर अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं रही तो कार्यदायी संस्था पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करुंगा। उल्लेखनीय है कि ये मेडिकल कॉलेज बस्ती, अयोध्या, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बहराइच में बन रहे है। प्रदेश में केंद्र सरकार की मदद से 13 मेडिकल कॉलेज बनने हैं। पहले चरण में पांच और दूसरे चरण में आठ मेडिकल कालेज बनाए जाने हैं। कार्यदायी संस्थाओं से नाराज


मुख्यमंत्री ने राजकीय निर्माण निगम और सीएनडीएस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। सख्त हिदायत देते हुए कहा कि संस्था को ब्लैकलिस्ट करूंगा और उन्हें जेल भेजूंगा। कहा कि संस्था के प्रमुख पदों पर अधिकारियों की एक-दो महीने के लिए तैनाती न करें क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ  पिकनिक मनाने आते हैं, इनकी कोई जवाबदेही नहीं होती है। महत्वपूर्ण पदों पर जिसकी तैनाती करें, उसे पूरा कार्यकाल दें। संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर अनिवार्य रूप से जहां पर काम हो रहा है वहीं रहें, लखनऊ में नहीं। प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी से कहा कि वो कार्यदायी संस्थाओं को मजबूत करें। कार्य का समय और गुणवत्ता सुनिश्चित कराएं। ई-टेंडरिंग की व्यवस्था का ऑडिट कराएं। समीक्षा बैठकों में जो तय होता है, अधिकारी उसकी नियमित समीक्षा करें। मुख्यमंत्री कार्यालय भी हर 15 दिन पर समीक्षा करें। अगर कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं है तो कार्यदायी संस्था को नोटिस भेजा जाए। फिर भी काम तेजी से नहीं होता  है कार्यदायी संस्था के खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाए। चोरी और बेईमानी बर्दाश्त नहीं

वहीं पांच मेडिकल कॉलेज में विद्युत संयोजन को लेकर सीएम ने कहा कि बिजली विभाग के काम की गुणवत्ता ठीक नहीं है। जहां लाइन लॉस है, उन क्षेत्रों को निजी कंपनियों को दें। विभाग में चोरी और बेईमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, कुछ अभियंताओं की जांच कराई जाएगी। प्रमुख सचिव ऊर्जा से कहा कि हर जिले में विजिलेंस टीम बनाएं और बड़ी मछलियों पर कार्रवाई करें। सीएम ने विभिन्न विभागों के समन्वय पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी योजना का सभी विभाग मिलकर कंप्लीट प्लान बनाएं। औपचारिकताओं के नाम पर काम में देरी नहीं होनी चाहिए। अगर आप निर्णय नहीं ले सकते हैं तो फील्ड में रहने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में भी पीजीआई पैटर्न को लागू करें। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों को प्रमुख सचिव, कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सोनभद्र कांड : सीएम योगी ने लिया एक्शन डीएम और एसपी नपे, इन अफसरों पर भी गिरेगी गाजफरियादियों की समस्याओं को टरकाएं नहीं समाधान करेंतीन दिन से ज्यादा रुकी फाइल तो तय होगी जवाबदेही

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर फाइल किसी के पास तीन दिन से अधिक रुकी तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। यह निर्देश मेरे और मुख्य सचिव के कार्यालय पर भी लागू होगा। सोमवार को लोकभवन में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के पाइप पेयजल समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अब तक काम न शुरू होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बेहद महत्वाकांक्षी और जनहित से जुड़ी परियोजना में स्थिति यह है कि फाइलों पर बार-बार टिप्पणी लिखनी पड़ रही है। वहीं मुख्य सचिव डॉ। अनूप चंद्र पांडेय से कहा कि हर बैठक के जो मिनट्स बनते हैं, वह आपके पास भी जाते हैं। ऐसे में जवाबदेही तो आपकी भी बनती है। वहीं अफसरों के टूर पर रहने पर बोले कि हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की जरूरत नहीं है। कुछ लोग शुक्रवार से मंगलवार तक दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद जाते हैं। अगर किसी का वहां और यहां आवास हो तो दिल्ली का आवास रद्द करें। सरकारी सुविधा एक ही जगह मिलती है। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री डॉ। महेंद्र सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Posted By: Vandana Sharma