सीएम बोले सीखने के लिए जहां कहीं भी अवसर मिले उसका लाभ अवश्य लेना चाहिए...


लखनऊ (ब्यूरो)। कंधे पर स्टेशनरी से भरा बैग पैक, यूपी रोडवेज की वॉल्वो बस में सवारी और फिर आईआईएम में क्लास यह नजारा देख कोई भी बता दे कि आईआईएम में मैनेजमेंट छात्र पढ़ाई करने पहुंचे हैं। हालांकि, यह अपने आप में एक नई तरह की क्लास थी, जिसमें प्रोफेसर तो आईआईएम के ही थे लेकिन, छात्रों की भूमिका में थे प्रदेश सरकार के मंत्री। मौका था आईआईएम द्वारा आयोजित लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम 'मंथन-1' का, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मंत्रियों ने मैनेजमेंट और लीडरशिप डेवलपमेंट के मूल मंत्र सीखे। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मुख्य पहलू यह था कि सरकार टीम के रूप में सोचे, दिखे और आगे बढ़े, ताकि परिणाम बेहतर नजर आएं।स्टूडेंट्स की भूमिका में नजर आये सभी


आईआईएम में आयोजित इस स्पेशल क्लास में सीएम योगी ने सरकार की पुरानी परंपराओं को नजरंदाज करते हुए अपनी टीम को नये जमाने के मुताबिक एकेडमिक फ्रेम में ढालने की कोशिश की। वहीं, मंत्री भी पूरी तरह छात्रों की भूमिका में नजर आ रहे थे। रविवार सुबह सात बजे सीएम आवास पर पहुंचकर मंत्रियों ने अपने मुखिया के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जिसके बाद मंत्रियों का यह समूह यूपी रोडवेज की तीन वॉल्वो बसों पर सवार होकर आईआईएम के लिये रवाना हुआ। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी इनमें से एक बस पर ही सवार हुए।बताया ट्रेनिंग का महत्वआईआईएम पर जब प्रदेश सरकार तीन बसों पर सवार होकर पहुंची तो वहां डायरेक्टर अर्चना शुक्ला व अन्य प्रोफेसर उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मंत्रियों के समूह को सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया और लीडरशिप डेवपलमेंट प्रोग्राम 'मंथन' के महत्व को बताया। कहा, पहली बार किसी राज्य ने राजनीतिक नेतृत्व की दक्षता के लिये देश के बेहतरीन मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग लेने का फैसला किया है। सीएम ने कहा 'हम अब तक ढाई साल में जनता की आशाओं और आकांक्षाओं की कसौटी पर खरे उतरे हैं। लेकिन, काम को और प्लांड रूप से किये जाने की आकांक्षा है। सुशासन, प्रबंधन, नेतृत्व कौशल और जनभागीदारी को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमने आईआईएम का सहयोग लिया है।' उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया कि किस तरह एक प्रशासनिक अधिकारी के सुझावों ने प्राथमिक विद्यालयों का चेहरा बदला है।उम्मीदों की पूर्ति में सार्थक साबित होगा 'मंथन'

इस मौके पर आईआईएम की डायरेक्टर प्रोफेसर अर्चना शुक्ला ने सरकार के इस कदम को दूरदर्शी बताते हुए मैनेजमेंट के महत्व को समझाया। प्रो. अर्चना ने कहा कि एक राजनेता से जनता को काफी उम्मीदें होती हैं। इन उम्मीदों को पूरा करने में यह मंथन बहुत सार्थक साबित होगा। प्रो. अर्चना ने अपने संबोधन में 'टीम' का महत्व भी समझाया। इसके बाद चर्चाओं का दौर सत्रों की ओर बढ़ा। चार सत्रों में सुशासन, प्रबंधन, नेतृत्व कौशल और जनभागीदारी के सूत्र मैनेजमेंट गुरुओं ने बताए तो मंत्रियों की ओर से भी जिज्ञासा भरे सवालों की कमी न रही। शाम को आखिरी सत्र खत्म हुआ।टीम संग वॉल्वो से आईआईएम पहुंचे सीएमसीएम योगी आदित्यनाथ और उनके साथ अन्य मंत्री वॉल्वो से आईआईएम में आयोजित क्लास में होने पहुंचे। सीएम आवास से आईआईएम तक सफर तय करने के लिए परिवहन निगम ने वॉल्वो की व्यवस्था की। रोडवेज के एमडी डॉ। राजशेखर के अनुसार आईआईएम में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कई मंत्रियों को शामिल होना था। ऐसे में रोड पर कई जगह जाम लगता और इन वाहनों से निकलने वाला धुंआ वातावरण को प्रदूषित करता। इसी के चलते पब्लिक का ध्यान रखते हुए सीएम ने वॉल्वो से सफर किया। सफर के दौरान सीएम ने परिवहन निगम की देखरेख में चल रही बस सेवा की सराहना की। उन्होंने परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के साथ ही रोडवेज की टीम को बधाई दी।हर सत्र की फीस 6.72 लाख रुपये

आईआईएम लखनऊ ने योगी सरकार के लिए आयोजित तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र के प्रत्येक सत्र में हर सहभागी के लिए 12,000 रुपये की दर से फीस तय की है। संस्थान ने नियोजन विभाग को यह जानकारी दी है। राज्य मंत्रिमंडल में सीएम समेत 56 सदस्य हैं। इस हिसाब से प्रत्येक सत्र की फीस 6,72,000 रुपये और तीन सत्रों के लिए कुल 20,16,000 रुपये होगी। अगले दो सत्र 15 और 22 सितंबर को आयोजित होंगे।lucknow@inext.co.in

Posted By: Vandana Sharma