दिल्‍ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्‍ली सरकार द्वारा लायी गयी ऑड इवन थ्‍योरी के तहत इंद्रप्रस्‍थ गैस लिमिटठेड आज से सीएनजी सर्टिफाइड स्‍टिकर्स बांटना प्रारंभ कर रही है।


हवा में फैलते जहर पर लगानी है लगाम


दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण में इजाफा करने वाली गाड़ियों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि ऑड-इवन स्कीम से उन्हीं कारों को छूट मिलेगी जो सीएनजी से चलती हैं। लेकिन इसके लिए इन गाड़ियों को अपने विंड स्क्रीन पर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से जारी स्पेशल स्टिकर लगाना होगा। सरकार ने आईजीएल के साथ मिलकर स्पेशल फीचर वाला स्टिकर तैयार करवाया है। ऐसे स्टीकर के वितरण का काम 29 दिसंबर मंगलवार यानी आज सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है। इन स्टिकर के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा लेकिन ये उन्हीं कार मालिकों को मिलेंगे जिनकी कार की आरसी पर सीएनजी दर्ज होगा। एक जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक ये स्टिकर मिलते रहेंगे। एक जनवरी से ऑड ईवन फार्मूला लागू होना है इसलिए इस पर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं।क्या है मुश्किल

दिल्ली में सीएनजी गाड़ियों की संख्या करीब 5 लाख है। और 1 जनवरी से सड़कों पर उतरने से पहले इन गाड़ियों में स्टीकर लगाने होंगे, ऐसा नहीं करने पर 2000 रुपये जुर्माना भरना होगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या महज तीन दिनों में सभी 5 लाख गाड़ियों पर सीएनजी स्टिकर लग पाएगा? जानकारों कहना है कि ये लगभग असंभव है। क्योंकि दिल्ली में कुल 95 सीएनजी पंप हैं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 19 सीएनजी पंप हैं। यानी तीन दिन में महज 114 सीएनजी पंप के जरिए पांच लाख वाहनों में स्टिकर लगा पाना आसान नहीं है। ऐसे में स्टिकर लगाने के लिए गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगेंगी और इसका असर सड़कों पर दिखेगा और दूसरी कई समस्यायें खड़ी हो जायेंगी।  इस स्थिति में फर्जी स्टिकर लगाने का खतरा भी बढ़ गया है। सरकार है तैयार हालाकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इस अंदेशे को भांपते हुए सरकार ने गड़बड़ी रोकने की तैयारी पहले से कर ली है। सही-गलत स्टिकर की पहचान के लिए एक हजार रीडर खरीदे गए हैं। और फर्जी स्टिकर पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी और ऐसा करने वालों पर फर्जीवाड़े का मुकदमा होगा साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा।

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Posted By: Molly Seth