reality check

- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रिहायशी एरियाज के कॉमर्शियल यूज पर सरकार से मांगा है जवाब

- गोरखपुर में भी रिहायशी एरिया में कोचिंग संस्थानों की है भरमार

GORAKHPUR: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिहायशी एरिया का कॉमर्शियल यूज किए जाने को लेकर सरकार से रिपोर्ट तलब की है। गोरखपुर में एक-दो नहीं, बल्कि सारे ही रिहायशी एरिया का कॉमर्शियल यूज धड़ल्ले से होता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में आई नेक्स्ट ने रिएल्टी चेक किया। मॉल्स, दुकान, वर्कशॉप आदि को छोड़ भी दें तो अकेले कोचिंग वालों ने अधिकतर एरियाज पर कब्जा कर रखा है। इसके चलते इन एरियाज में रहने वालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है।

प्लेस: बिलंदपुर

टाइम: दोपहर 2 बजे

बिलंदपुर एरिया में तो कोचिंग की मंडी ही है। इन कोचिंग में पढ़ने जाने वाले स्टूडेंट्स ही नहीं, टीचर्स की भी व्हीकल रोड किनारे ही खड़ी रहती है। इससे राहगीर तो जाम से जूझते ही हैं, मोहल्ले के लोगों को भी दिक्कत होती है।

प्लेस: हरिओम नगर

टाइम: दोपहर 2.45 बजे

हरिओम नगर में रोड किनारे कतार से कोचिंग संस्थान हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक स्टूडेंट्स के व्हीकल्स का सड़क किनारे तांता लगा रहता है। कोचिंग से छूटते ही स्टूडेंट्स की भरमार हो जाती है। इससे अन्य लोगों को दिक्कत उठानी पड़ती है।

कोचिंग संचालकों पर चलेगा डंडा

सिटी में चलने वाले सैकड़ों कोचिंग ऐसे हैं जो क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। कागज में बच्चों की संख्या कुछ और होती है, जबकि हकीकत में कुछ और। ऐसे में कुकुरमुत्ते की तरह खुले कोचिंग संचालक न सिर्फ विभाग को चूना लगा रहे हैं बल्कि स्टूडेंट्स से मनमानी फीस वसूलकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हालांकि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही वह कोचिंग संचालकों के मानकों के अनदेखी की रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर देंगे।

वर्जन

रिहायशी एरिया में कोचिंग चलाना ही गलत है। अगर कोई चला रहा है तो इसको चिन्हित कराया जाएगा। मानक के अनुरूप उन कोचिंग में बच्चे पढ़ रहे हैं या नहीं इसकी तफ्तीश कराई जाएगी। इसके लिए सोमवार से टीम का गठन कराकर सभी कोचिंग संचालकों के यहां भेजा जाएगा।

- डॉ। राजीव पांडेय, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर

कॉलिंग

हमारे एरिया में कोचिंगों की भरमार है। बच्चों के आने जाने से मोहल्ले के लोगों को काफी दिक्कते होती हैं। रिहायशी इलाकों में कोचिंग तो होना ही नहीं चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है। वह स्वागत योग्य है। बिल्कुल सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

- डॉ। अभिषेक त्रिपाठी, शिक्षक

सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेहद सराहनीय है। निश्चित तौर पर सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। रिहायशी इलाकों में कोचिंगों की जबरदस्त भरमार है। ऐसे कोचिंग संचालकों के खिलाफ तो कार्रवाई भी होनी चाहिए।

- कीर्ति त्रिपाठी, हाउस वाइफ

सिटी के ज्यादातर रिहायशी इलाके में कुकुरमुत्ते की तरह कोचिंग चल रहे हैं। इन कोचिंग से छूटने वाले बच्चों के कारण काफी भीड़ हो जाती है। अक्सर जाम का भी सामना करना पड़ता है। सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

वंदना श्रीवास्तव, शिक्षिका

Posted By: Inextlive