- एजुकेशन हब के नाम से फेमस दून में हजार से 5ाी ज्यादा कोचिंग सेंटर्स -पहाड़ों और दूसरे प्रदेशों के स्टूडेंट्स दून के कोचिंग सेंटर्स में करते हैं प्रिपरेशन - देहरादून कोरोना के असर से एजुकेशन से1टर 5ाी बहुत ज्यादा प्र5ावित हुआ है. प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन 1लासेज के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं लेकिन कोचिंग

- एजुकेशन हब के नाम से फेमस दून में हजार से भी ज्यादा कोचिंग सेंटर्स

-पहाड़ों और दूसरे प्रदेशों के स्टूडेंट्स दून के कोचिंग सेंटर्स में करते हैं प्रिपरेशन

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देहरादून,

कोरोना के असर से एजुकेशन सेक्टर भी बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन कोचिंग सेंटर्स के सामने इस समय क्लासेज संचालित करना बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है। दून में पहाड़ों और दूर-दराज क्षेत्रों से स्टूडेंट्स कोचिंग लेने आते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी स्टूडेंट्स अपने-अपने घर वापस चले गए हैं। कुछ कोचिंग सेंटर्स ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू तो की है लेकिन, ऑनलाइन क्लासेज को लेकर स्टूडेंट्स ज्यादा इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में कोचिंग सेंटर्स भी मंदी के दौर से गुजर रहे हैं, कोचिंग सेंटर में काम करने वाले स्टाफ, टीचर और संचालकों को ऐसे में आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।

लाखों स्टूडेंट्स लेते हैं कोचिंग

दून में छोटे-बड़े करीब एक हजार कोचिंग सेंटर्स हैं। इनमें 6 हजार से ज्यादा स्टाफ, टीचर और कर्मचारी हैं। जबकि लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स कोचिंग लेते हैं। दून को एजुकेशन हब के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर मेडिकल, इंजीनियरिंग, डिफेंस, सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, समूह ग, मैनेजमेंट सभी प्रकार के कॉम्पिटीटिव एग्जाम की प्रिपरेशन कराई जाती है। दून में प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों से ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स आते हैं। कोरोना के संक्रमण की वजह से कोचिंग सेंटर्स हाल बेहाल हो गया है। कोचिंग सेंटर्स के लिए मार्च से लेकर अगस्त तक का टाइम पीक सीजन का होता था, इस समय कोचिंग सेंटर्स में क्रैश क्रोर्स से लेकर न्यू एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन में यह सब बंद हो गए। कुछ कोचिंग सेंटर्स ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। स्टूडेंट्स ऑनलाइन कोचिंग को रिस्पांस नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा पहाड़ों में कनेक्टिविटी भी ऑनलाइन क्लासेज के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। ऐसे में ऑनलाइन कोचिंग को कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।

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दून में पहाड़ और दूसरे इलाकाें से ही स्टूडेंट्स कोचिंग सेंटर्स में एडमिशन लेते थे, जो कि संक्रमण काल से पहले ही अपने-अपने गांव चले गए हैं। मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को ऐसे में कम टाइम ही मिलेगा।

विपिन बलूनी

डायरेक्टर, बलूनी क्लासेज

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कोचिंग सेंटर्स का बहुत मुश्किल समय चल रहा है। मार्च में क्रैश कोर्स और जून से अगस्त तक न्यू एडमिशन का सेशन शुरू हो जाता था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से क्लासेज शुरू नहीं हो पा रही है।

मेजर डॉ। शालिनी सिंह,

ओनर, लक्ष्य एकेडमी

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कोचिंग की ऑनलाइन क्लासेज सक्सेस नहीं अनलॉक-2 में कोचिंग सेंटर्स को ओपन कर देना चाहिए। कोचिंग में समझदार बच्चे होते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकार के नियमों का सही तरह से पालन करवाया जा सकता है।

आरए खान, प्रयास आईएएस एकेडमी

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दून में दूरदराज से स्टूडेंट्स कोचिंग करने आते हैं। लॉकडाउन से पहले ही सभी स्टूडेंट्स अपने घर चले गए हैं। ऑनलाइन कोचिंग का भी कुछ खास रिस्पांस नहीं मिल रहा है।

वैभव राय,

डायरेक्टर, वीआर क्लासेज

Posted By: Inextlive