सोमवार को केंद्रीय जांच ब्‍यूरों ने अपने रुख में बदलाव करते हुए दिल्‍ली की विशेष अदालत को बताया कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े मामले में कुछ निजी कंपनियों और लोक सेवकों के खिलाफ मामला आगे बढ़ाने के पहली नजर में काफी साक्ष्य मौजूद हैं. इसमें उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख का नाम अभियुक्तों में दर्ज है. गौरतलब है कि मामले का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्‍त साक्ष्‍य मौजूद हैं.

सीबीआई ने दाखिल की रिपोर्ट
सीबीआई ने इससे पहले अदालत में कोयला ब्लॉक के मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेष लोक अभियोजक आरएस चीमा ने विशेष न्यायाधीश भारत पाराशर के समक्ष कहा कि अदालत 21 अक्टूबर को दाखिल मामला बंद करने के संबंध में रिपोर्ट पर संज्ञान ले सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आरोपियों की संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं.
25 नवंबर को किया जाएगा विचार
चीमा और सीबीआई के वकील वीके शर्मा तथा एपी सिंह की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जांच एजेंसी की केस बंद करने की रिपोर्ट पर 25 नवंबर को विचार किया जाएगा. न्यायाधीश का कहना है कि विशेष लोक अभियोजक का कहना है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर कोयला ब्लॉक आबंटन की प्रक्रिया में लिप्त रहे निजी पक्षों और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अपराधों को संज्ञान में लेने के लिए अब सबूत पर्याप्त हैं. जानकारी है कि मामले को बंद करने की रिपोर्ट पर 25 नवंबर 2014 को विचार किया जाएगा.
न्यायाधीश ने दी जानकारी
मामले पर गहराई से जानकारी देते हुए विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने बताया कि विशेष लोक अभियोजक के अनुसार मामले के तथ्यों संग परिस्थितियों को देखते हुए कोयला ब्लॉक आबंटन की प्रक्रिया में लिप्त निजी पक्षों और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अपराधों को संज्ञान में लेने के लिए अब सबूतों को पूरी तरह से जब इकट्ठा कर लिया गया है तो वहीं अब मामले को बंद करने की रिपोर्ट पर 25 नवंबर 2014 को विचार किया जाएगा.

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Posted By: Ruchi D Sharma