-सीबीएसई 2015 में लागू कर देगी मल्टी डिसप्लनेरी स्कीम

- मार्च के एग्जाम में मिलेगा बोर्ड एग्जाम पैटर्न में बड़ा बदलाव

- इंटर के पेपर में देखने को मिलने वाला है यह बदलाव

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Meerut : सीबीएसई ने इंटर क्लास के एग्जाम के पैटर्न में काफी बड़ा बदलाव किया है। ख्0क्भ् मार्च में होने वाले बोर्ड एग्जाम में इस बार यह बड़ा बदलाव किया जा रहा है। मार्च ख्0क्भ् में होने वाले बोर्ड एग्जाम में पहली बार मल्टी डिसप्लनेरी स्कीम पर बेस्ड क्वेश्चन आएंगे। सीबीएसई बोर्ड ने इस स्कीम का ब्लूप्रिंट स्कूलों को भेज दिया है। सभी मेन सब्जेक्ट में ये क्वेश्चन होंगे और कोर्स कंटेंट सिलेबस से ही होगा। कुल मिलाकर स्टूडेंट्स को इस कॉकटेल पैटर्न को समझने में भी बेहद मजा आने वाला है।

तय किया है नया पैटर्न

बोर्ड एग्जाम के लिए क्वेश्चन पेपर का जो डिजाइन तय किया गया है। उसमें हर पेपर में मल्टी डिसप्लनेरी स्कीम में दो क्वेश्चन होंगे। एक पेपर में भ् से क्ख् मा‌र्क्स तक की वेटेज इस स्कीम को दी जा रही है। बोर्ड सूत्रों का कहना है कि अलग-अलग सब्जेक्ट को आपस में जोड़कर क्वेचन तैयार किया जाएगा। यह नया एक्सपेरिमेंट है और इससे स्टूडेंट्स की थिंकिंग स्कील्स की भी परख हो सकती है।

तैयार कर दिए गए हैं सेंपल पेपर

बोर्ड ने मार्च एग्जाम के लिए सेंपल क्वेश्चन पेपर तैयार किए हैं। उनमें स्टूडेंट को मल्टी डिसप्लनेरी बेस्ड क्वेश्चन भी पढ़ने को मिलेंगे। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने इस स्कीम के बारे में बताया कि मैथ्स सब्जेक्ट में मल्टी डिसप्लनेरी क्वेचन होगा। उसमें स्टूडेंट्स को इकोनॉमिक्स, स्टेटिक्स, व दूसरे सब्जेक्ट के बारे में भी पूछा जाएगा। इसी तरह से फिजिक्स के सवाल में केमिस्ट्री, मैथ्स का इनपुट शामिल किया जाएगा। बोर्ड की कई कमिटियों में शामिल रहे प्रिंसीपल्स का कहना है कि इस स्कीम के जरिए अलग-अलग सब्जेक्ट को साथ जोड़ा जा सकता है।

सब्जेक्ट को जोड़ने की है ये खास स्कीम

यह स्कीम दिखाती है कि कैसे एक सब्जेक्ट को दूसरे सब्जेक्ट के साथ जोड़कर पढ़ा जा सकता है। यह भी देखा जाएगा कि स्टूडेंट्स ने अपने सब्जेक्ट को कितने ध्यान से पढ़ा है। शिक्षा निदेशालय ने भी अपने सभी स्कूलों के नाम एक सर्कुलर जारी कर इस स्कीम की जानकारी दी है।

इन सब्जेक्ट में होंगे क्वेश्चन

निदेशालय के सर्कुलर के मुताबिक बायोलॉजी, फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री, हिंदी, इकोनॉमिकस, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, होम साइंस, पॉलिटिकल साइंस समेत कई सब्जेक्ट में ये क्वेश्चन होगे। मैथ्स में म्-म् के दो क्वेश्चन होंगे। दूसरे सब्जेक्ट में भी भ् मा‌र्क्स तक की वेटेज होगी। सीबीएसई का मानना है कि स्टूडेंट्स कि इस स्कीम के तहत आने वाले क्वेश्चन की तैयारी करवाई जाए। उदाहरण के तौर पर अगर स्टूडेंट को एनवायरमेंटल सब्जेक्ट में क्वेश्चन आते हैं कि पिछले दस सालों में पॉल्यूशन लेवल कितना बढ़ा है? इसे रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं? तो इसमें कुछ पर्सेटेज भी होगी, ऐसे में हर साल कितना पर्सेटेज लेवल बढ़ा है, यह मैथ्स का पार्ट होगा। वहीं कैसे रोकने का जवाब देते हैं तो इससे आपकी सोचने की क्षमता की जांच की जाएगी। इसी तरह से मल्टी डिसप्लेनरी क्वेश्चन स्टूडेंटस को फेस करने पड़ सकते हैं।

स्टूडेंस के बीच इस तरह के क्वेश्चन को लाना सीबीएसई का काफी अच्छा प्रयास है। सीबीएसई का उद्देश्य इन क्वेश्चन के जरिए स्टूडेंट्स की सोचने की क्षमता को परखना है।

एचएम राउत, प्रिंसीपल दीवान पब्लिक स्कूल

इन क्वेश्चन के जरिए निश्चित ही सीबीएसई के स्टूडेंट्स में सोचने व समझने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। यह बेहतर प्रयास है।

कपिल सूद, प्रिंसीपल गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल

पैटर्न में इस तरह के क्वेश्चन को लाना बेहद सराहनीय है। इससे स्टूडेंट्स की सोच में डेवलपमेंट होता है, जो एक सराहनीय प्रयास है।

मृणालिनी अनंत, प्रिंसीपल, एमपीजीएस शास्त्रीनगर

स्टूडेंट्स के लिए यह बेहद सराहनीय प्रयास है। इस तरह के क्वेश्चन से सोच तो डेवलप होगी ही साथ ही स्टूडेंट्स को हाई लेवल एग्जाम क्लीयर करने में भी सपोर्ट मिलेगा।

प्रेम मेहता, प्रिंसीपल, सिटी वोकेशनल स्कूल

Posted By: Inextlive