RANCHI: रांची नगर निगम अब सिटी में मच्छरों से निपटने के लिए कोल्ड फॉगिंग कराएगा। इससे सिटी के लोगों को मच्छरों के डंक से छुटकारा मिलेगा। वहीं लोगों की सेहत में भी थोड़ा सुधार होगा। इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं कोल्ड फॉगिंग का डेमो भी दिया जा चुका है। ताकि सिटी के लोगों को मच्छरों के डंक से बचाया जा सके। इतना ही नहीं, कोल्ड फॉगिंग से एक ओर जहां मच्छरों का खात्मा होगा वहीं रांची नगर निगम को लाखों रुपए की बचत भी होगी। कोल्ड फॉगिंग के लिए मशीनों की खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। बताते चलें कि जल्द ही कोल्ड फॉगिंग के लिए वर्क आर्डर भी जारी कर दिया जाएगा।

पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान

नगर निगम के पास सिटी में फॉगिंग कराने के लिए 15 गाडि़यां हैं। इसमें से तीन गाडि़यां वीआईपी इलाकों के लिए रिजर्व हैं। बाकी गाडि़यों से पूरी सिटी को रोस्टर के हिसाब से कवर किया जाता है। इसमें हर महीने लगभग 50 लाख का डीजल फूंक दिया जाता है। इसके बाद भी मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। वहीं धुएं के कारण पॉल्यूशन भी काफी होता है। लेकिन कोल्ड फॉगिंग से ऐसा कुछ भी नहीं होगा। वहीं पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।

पानी में केमिकल मिलाकर होगी फॉगिंग

वर्तमान में फॉगिंग के लिए डीजल में केमिकल मिलाकर फॉगिंग कराई जाती है। लेकिन कोल्ड फॉगिंग मशीन में डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं पानी में केमिकल मिलाकर फॉगिंग कराई जाएगी। इससे हमारे आसपास रखे पानी को भी नुकसान नहीं होगा। वहीं तालाबों के किनारे और नालियों में भी इसका छिड़काव होगा। ऐसे में मच्छरों के पनपने की भी संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

बंद नालियों में भी की जा सकेगी

कोल्ड फॉगिंग मशीन की खासियत यह होगी कि शहर की बंद नालियों के अंदर भी इस मशीन से फॉगिंग की जा सकेगी। इसका फायदा यह होगा कि कवर्ड नालियां भी फॉगिंग से नहीं बच पाएंगी। वहीं ऊंचाई वाली जगहों पर भी मच्छरों को कंट्रोल करने में इससे काफी मदद मिलेगी। चूंकि पानी और केमिकल से स्प्रे करने पर असर भी लंबे समय तक रहेगा। जबकि फॉगिंग के धुएं का असर कुछ देर में खत्म हो जाता है। इसके अलावा नगर निगम ने मच्छरों को मारने के लिए 600 स्प्रे मशीनें खरीद चुका है। स्टाफ्स भी तैनात कर दिए गए हैं।

कितना कारगर साबित होगी कोल्ड फॉगिंग

रांची नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड हैं। इसमें गाडि़यों के हिसाब से रोस्टर तैयार किया गया था। लेकिन गाडि़यों के खराब होने के बाद रोस्टर फेल हो गया। अब तो वीआईपी इलाके को छोड़ कहीं भी फॉगिंग नहीं हो रही है। इससे लोग मच्छरों के डंक से परेशान हैं। अब देखना यह होगा कि कोल्ड फॉगिंग सिटी में मच्छरों पर लगाम लगाने के लिए कितना कारगर साबित होती है।

वर्जन

डेमो के बाद हमलोग जल्द ही सिटी में कोल्ड फॉगिंग शुरू करेंगे। इसके बाद डीजल से फॉगिंग को बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल जो गाडि़यां है, उससे फॉगिंग कराई जाएगी, जबतक कोल्ड फॉगिंग से पूरी सिटी को कवर न कर लिया जाए।

डॉ। किरण कुमारी, असिस्टेंट हेल्थ आफिसर, आरएमसी

फॉगिंग कोई भी हो, यह पर्यावरण को नुकसान तो करेगा। हां, इतना जरूर है कि डीजल वाली ज्यादा नुकसान करती है तो पानी वाली फॉगिंग कुछ कम। चूंकि कोई भी केमिकल जिसका हम घर में भी इस्तेमाल करते है वो हमारी सेहत को भी हार्म करता है। नगर निगम को फॉगिंग से पहले लोगों को अलर्ट कर देना चाहिए।

डॉ। नीतीश प्रियदर्शी, पर्यावरणविद

हर इंसान का इम्युनिटी पावर अलग होता है। किसी को फॉगिंग से नुकसान हो सकता है तो किसी पर इसका लेट असर होता है। धुएं का सीधा असर लोगों के लंग्स पर पड़ता है। पानी वाली फॉगिंग से थोड़ा कम नुकसान होगा। यह सिटी के लोगों के लिए राहत है। फिर भी लोगों को खुद से अलर्ट रहने की जरूरत है। जब भी फॉगिंग हो वे खाने का सामान ढक कर रखें। वहीं नाक-मुंह को भी कवर कर लें।

डॉ.बी कुमार, मेडिसीन

Posted By: Inextlive