दिल्ली के दो स्कूलों और शिक्षा विभाग के बीच उलझा मामला हाई कोर्ट पहुंच चुका है। दिल्ली हाई कोर्ट ने यहां दो निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस न वसूलें।

नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस संकट और लाॅकडाउन के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने यहां दो निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस न वसूलें, जो कि पिछले साल 31 अक्टूबर से पहले के फिक्स रेट है। जस्टिस राजीव शकधर ने दक्षिण दिल्ली के दोनों स्कूलों में कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने के लिए स्कूलों को निर्देशित किया। यह निर्देश स्कूल द्वारा शिक्षा निदेशालय (DoE) के 22 अप्रैल के डायरेक्शन के खिलाफ दायर याचिका पर आया है। दोनों संस्थानों ने गैरकानूनी रूप से फीस में बढ़ोतरी की थी और अभिभावकों को बकाया भुगतान करने के लिए मजबूर किया था। ऐसे में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और परिसर को सील करने की सिफारिश की गई थी।

8 जून तक अपना पक्ष रखने रखने का आदेश दिया

इसके बाद स्कूल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने याचिका पर दिल्ली सरकार, पुलिस और डीओई को नोटिस जारी किया और 8 जून तक अपना पक्ष रखने रखने का आदेश दिया है। इस मामले में साइबर सेल को अकाउंट को हैक करने, कथित फर्जी ई-मेल की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं शिक्षा निदेशालय ने ई-मेल के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, अदालत ने नोट किया और साइबर सेल को निर्देश दिया कि वह ई-मेल की वास्तविकता के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करे। अदालत ने पुलिस को आगे निर्देश दिया कि इस बीच, अगली सुनवाई की तारीख तक स्कूलों के प्रबंधन के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाए।

Posted By: Shweta Mishra