- कमाई बढ़ाने के लिए मनमानी कर रहीं कॉमर्शियल गाडि़यां

- अधिक सामान लादने के लिए बनवा रहे मानक के विपरीत डिक्की

- आरटीओ को भी नजर नहीं आती ये मनमानी

GORAKHPUR: शहर में आज कल डबल स्टोरी घर की तरह पिकअप नजर आने लगे हैं। जबकि कंपनी से गाड़ी निकलाने के बाद उसकी बॉडी में अलग से कुछ भी जोड़ना मानक के विपरीत है। थोड़े पैसे के लालच में लोग गाडि़यों में बड़ी-बड़ी डिक्की और कैरियर लगवा रहे हैं। ये देखने में अजीब तो लगते ही हैं, इससे सड़क पर चलने वाले लोगों पर भी खतरा बना रहता है। एक्स्ट्रा स्पेस होने की वजह से गाडि़यां सड़क पर असंतुलित होकर चलती हैं जिसके चलते इन गाडि़यों से हादसा होने का डर बना रहता है। इसके बावजूद आरटीओ या फिर ट्रैफिक पुलिस कभी इन पर कार्रवाई नहीं करती है। बेरोकटोक दिनभर सड़कों पर ऐसे वाहन फर्राटा भरते दिख जाते हैं।

शहर में मचाते धमाचौकड़ी

सबसे बड़ी बात ये देखने को मिलती है कि रेलवे स्टेशन, मंडी या थोक बाजारों में दिनभर ये मानक के विपरीत माल लादकर फर्राटा भरते रहते हैं। अगर गलती से ये गाडि़यां आपके आगे आ जाएं तो कुछ भी दिखना मुश्किल है। इतनी ऊंचाई होती है कैरियर की कि कहीं-कहीं तो तार तक को टच करते रहते हैं। आए दिन सड़कों पर इनकी वजह से जाम लगता है लेकिन कभी इन गाडि़यों पर कार्रवाई तो दूर रोका तक नहीं जाता है। बड़े आराम से किसी भी चौराहे से निकलते रहते हैं।

अवेयरनेस की कमी

काफी लोग चाह कर भी ऐसे वाहनों का विरोध नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उन्हें नियम के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है। आरटीओ में भी आए दिन सड़क सुरक्षा सप्ताह के नाम पर काफी पैसा खर्च किया जाता है। लेकिन ये अवेयरनेस प्रोग्राम एक कमरे तक सीमित है। जबकि स्कूलों-चौराहों पर सड़क सुरक्षा सप्ताह में अवेयरनेस प्रोग्राम कराना होता है। अधिकारी केवल प्रोग्राम कराकर अपना काम पूरा कर लेते हैं। उन्हें इस बात की जरा भी फिक्र नहीं कि कितने लोग अवेयर हुए।

चौराहे पर काम करता सिस्टम

सूत्रों की मानें तो मानक के विपरीत सामान लादकर पिकअप गाडि़यां बड़े आराम से निकल जाती हैं। इसकी वजह ये है कि गाड़ी मालिक और ड्राइवर चेकिंग करने वालों से साठगांठ किए रहते हैं। जिसके बाद धड़ल्ले से अपनी मनमानी करते हैं। वहीं कहीं किसी चौराहे पर अगर गाड़ी रोकने कोई गार्ड आता भी है तो उसे सुविधा शुल्क देकर मामला मैनेज कर लेते हैं। इस बात की खबर बड़े अधिकारियों को भी है लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता है।

वर्जन

ऐसी गाडि़यों की फिटनेस पर भी रोक है। चेकिंग में ओवरलोड गाडि़यां या फिर अलग से ऊंचा कैरियर लगाने पर सीज की कार्रवाई की जाती है।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive