- नगर निगम, एमडीए, प्रशासन, गुरुद्वारा समेत निजी संस्थान रोजाना बना रहे हजारों लोगों के लिए खाना

Meerut । लॉकडाउन के दौरान शहर में गरीब, बेसहारा, मजदूर या किसी भी जरुरतमंद के परिवार को भूखा ना सोना पडे़ इसके लिए ना सिर्फ प्रशासन बल्कि शहर के सामाजिक लोग और संस्था अपने स्तर पर प्रयास में जुटे हैं। विपदा के इस समय में सब एक दूसरे की मदद को आगे आ रहे हैं । इसी का उदाहरण शहर में जगह जगह देखने को मिल रहा है। जहां पुलिस प्रशासन के साथ साथ मंदिर गुरुद्वारों समेत सरकारी विभागों ने सामुदायिक किचन तैयार कर रोजाना हजारों लोगों को खाना तैयार कर रहे हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्सट की टीम ने शहर में विभिन्न् जगह पर जाकर वहां गरीबों के लिए सेवाभाव की रसोई का जायजा लिया।

प्रशासन की सामूहिक किचन

फोटो स्वाति फोल्डर

शहर के जरुरतमंद लोगों, गरीबों और मजदूर परिवारों तक रोजाना घर का बना शुद्ध खाना पहुंचाने के लिए प्रशासन ने कैंट स्थित अतिथि भवन को ही जनता की रसोई बना दिया है। इस रसोई में रोजाना हजारों लोगों का खाना ना सिर्फ तैयार किया जा रहा है बल्कि घरों तक भेजा भी जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मौके पर जाकर जब इस रसोई का मुआयना किया तो वॉलेंटियर की मेहनत और लोगों की सेवा का जज्बा साफ दिखाई दिया। सामुदायिक किचन में शाम के खाने की व्यवस्था के लिए अंदर वालेंटियर खाना बना रहे थे और बाहर गत्ते के डिब्बों मे पूडि़यां पैक हो रही थी। 15 करीब हलवाई व अन्य वालंटियर कढ़ाई चढ़ाकर पूरी व आलू की सब्जी तैयार कर रहे थे। साथ ही बैठे वालंटियर द्वारा आलू छीले जा रहे थे, वहीं दूसरी ओर आटा गूंथा जा रहा था कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला सामुदायिक रसोई का। रसोई इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया की उनके साथ टीम में 20 मेम्बर्स हैं जिनकों पेमेंट बेस प्रशासन ने रखा है। वहीं प्रशासन के लोग खुद भी टीम बनाकर खाना बनाते है और पैकिंग कराते है। दोपहर 1.30 बजे मो। मुश्कद जिला समाज कल्याण अधिकारी खुद रसोई में पैकिंग की व्यवस्था की जांच करने पहुंचे। इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया की किचन में दो शिफ्ट में खाना बनता है। एक टीम एक शिफ्ट में काम करती है एक टीम में 30 करीब लोग काम कर रहे है। उन्होनें बताया सुबह का खाना सुबह 10 बजे पैक होकर जाता है, इसके लिए सुबह चार बजे से ही टीम को खाना बनाने की तैयारी शुरु करनी होती है, शाम का खाना छह बजे जाता है, उसके लिए दोपहर एक बजे से ही तैयार करना पड़ है, दोनो शिफ्ट में पांच पांच हजार पैकेट तैयार होते है, एक दिन में दस हजार पैकेट बन रहे है, ये एक अप्रैल से शुरु की गई है।

फोन पर पहुंचा रहे खाना

टीम ने एमडीए द्वारा पांडवनगर में संचालित सामूहिक किचन में भी व्यवस्थाओं को देखा। पांडव नगर में एमडीए की किचन में भी हजारों लोगों के लिए एक बडे़ से कमरे में 12 से 14 लोग खाना बनाते दिखे। पांडव नगर के सामुदायिक केंद्र को बतौर किचन प्रयोग किया जा रहा है। इसमें बडे़ बड़े कढ़ाई और बर्तनों में आलू, पूरी व सब्जी बनाई जा रही है। इसके साथ ही भूखे लोगों तक खाना पहुंचाने के लिए एमडीए ने अपनी सामुदायिक रसोई का हेल्पलाइन नंबर भी शुरु किया हुआ है। एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने बताया कि जरुरतमंद लोग कंट्रोल रूम 0121-2648598 और 0121-2647831 पर फोन कर अपने घर पर भोजन मंगवा सकते हैं। इसके लिए एमडीए की ओर से पांडव नगर में कम्यूनिटी किचन की शुरूआत की गई है। जरूरत पडने पर इस सामुदायिक किचन से एक दिन में 50 हजार लोगों को भोजन पहुंचाया जा सकता है।

निगम का सामुदायिक किचन

नगर निगम द्वारा भी शहर के बेसहारा और दैनिक मजदूरों की मदद के लिए नगर निगम ने टाउनहाल परिसर के बरामदे में कम्युनिटी किचन का संचालन हो रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्कस्ट की टीम जब इस किचन में पहुंची तो नजारा अलग था। टाउन हाल में पूरी सब्जी की खुशबू फैली थी। निगम के कर्मचारी और हलवाई पूरी मेहनत के साथ टाउन के पीछे गैलरी में भोजन तैयार करने में जुटे थे। इस काम के लिए किचन में रोजाना निगम के 21 लोग भोजन बनाने में लगे रहते हैं। इसके साथ यहां भी निगम द्वारा फोन पर भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई हुई है। फोन कॉल के अलावा रोजाना निगम के कर्मचारी मलिन बस्तियों में भोजन का वितरण करते हैं। इस व्यवस्था को संभल रहे निगम के बड़े बाबू लोकेश शर्मा और स्टोर सुपरवाइजर अनीश अहमद फोन पर आने वाली कॉल से लेकर सप्लाई तक की पूरी व्यवस्था को संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वहीं निगम के 29 कर्मचारी तैयार भोजन की पैकिंग करते हैं। इस व्यवस्था के लिए निगम के आला अधिकारियों से लेकर लगभग 1600 कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन जरुरतमंदों के लिए दान दिया है। यहां रोजाना लगभग 3000 पैकेट तैयार हो रहे हैं

घर-घर पहुंचा रहे भोजन

इस दौरान टीम ने शहर में भाजपा अनुसूचित वर्ग द्वारा थापरनगर में संचालित मोदी रसोई को भी देखा। भाजपा अनुसूचित वर्ग के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित इस रसोई को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश पर देशभर में शुरु किया गया है। यहां भी रोजाना एक हजार से अधिक जरुरत मंदों के लिए भोजन तैयार कर उनको पैक कर घर घर भेजा जा रहा है। एक बडे़ कमरे में भाजपा कार्यकर्ता लगातार दो शिफ्ट के भोजन बनाने में जुटे हैं। एक दूसरा गुट उस खाने को पैक करता है। इस रसोई की व्यवस्था संभाल रहे राजकुमार सोनकर ने बताया कि रोजाना 500 से 1000 की बीच पैकेट बनाकर अलग अलग क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं।

मेयर भी चला रहीं रसोई

वहीं शहर के लोगों को भर पेट खाना उपलब्ध करारे के उददेश्य से नगर निगम की मेयर सुनीता वर्मा के कैंप कार्यालय में संचालित रसोई का हाल भी टीम ने देखा। मेयर की इस रसोई में पूरी साफ सफाई के साथ सैकड़ों लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। यहां एक टीम खाना बनाने और दूसरे टीम खाना पैक करने का काम करती है। इस रसोई को खुद मेयर सुनीता वर्मा और उनके पति पूर्व विधायक योगेश वर्मा देखते हैं और अपने सामने ही वितरण की पूरी व्यवस्था संभालते हैं। इस रसोई से रोजाना शहर के 30 से 35 वाडरें में जरुरत मंदों के घर तक खाना पहुंचाया जा रहा है। इस रसोई में रोजाना सैकड़ों लोगों का खाना तैयार कर पैकेट बनाकर भेजा जाता है।

Posted By: Inextlive