भाई की शिकायत पर एसएसपी ने सीओ सिविल लाइंस को सौंपी जांच

पुलिस की मौजूदगी में खुलेगी आईआईआईटी की सील लैब

एसएसपी को दिये पत्र में भाई ने कहा, प्रोफेसर देता था गाली

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: फाइनली आईआईआईटी इलाहाबाद के रिसर्च स्कॉलर रहे परमात्मा यादव के आत्महत्या करने के कारणों पर से पर्दा उठाने की जिम्मेदारी पुलिस के जिम्मे आ गई है। मृतक के भाई अवनीश यादव के सामने आकर पूरी बात रखने के बाद एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने जांच सीओ सिविल लाइंस श्रीश चंद को सौंप दी है। सीओ को जांच के लिए दिए गए शिकायती पत्र में अवनीश ने उन्हीं बातों पर मुहर लगाई है, जिसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था। अब आईआईआईटी में सील लैब का ताला भी पुलिस की मौजूदगी में ही खुलेगा।

प्रोफेसर हैं आत्महत्या के जिम्मेदार

सीओ को सौंपी गई शिकायत में अवनीश ने सीधे तौर पर परमात्मा की मौत का कसूरवार आईआईआईटी में इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल को बताया है। उन्होंने शिकायत की प्रति डीजीपी उत्तर प्रदेश और डायरेक्टर आईआईआईटी को भी भेजी है। गोरखपुर जनपद के महाबीर छपरा थाना बेलीपार के रहने वाले परमात्मा यादव के भाई अवनीश यादव ने गुरुवार की रात्रि 10 बजे एसएसपी आनंद कुलकर्णी से मुलाकात की। बकौल अवनीश उन्होंने एसएसपी को बताया कि उनका परिवार घटना के बाद इतना स्तब्ध हो गया कि उनकी हिम्मत मृतक भाई का पोस्टमार्टम करवाने की भी नहीं पड़ी। अवनीश ने बताया कि एसएसपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि है कि पोस्टमार्टम न करवाने से प्रोफेसर का अपराध छुप नहीं जायेगा। वह दोषी सिद्ध होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

दिसम्बर 2015 में ही मिल जाने चाहिये थे दस्तावेज

बता दें कि परमात्मा ट्रिपलआईटी से कुछ दूरी पर ज्ञानकुंज मुहल्ला के रहने वाले रामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव के मकान में रहता था। उसने 28 अगस्त की सुबह फांसी लगा कर जान दे दी थी। अवनीश ने एसएसपी को दिये पत्र में कहा है कि परमात्मा को उसके डाक्यूमेंट दिसम्बर 2015 के बाद मिल जाने चाहिये थे। जनवरी 2016 से ही मृतक ने नौकरी के लिये फार्म भरना शुरू कर दिया था। लेकिन, उसे इंटरव्यू तक के लिये छुट्टी नहीं दी जाती थी। यह सारी सूचनायें उसके इलेक्ट्रानिक मेल में दर्ज हैं। जब भी परमात्मा प्रोफेसर से डाक्यूमेंट के लिये कहता तो वह उसे गाली देकर भगा देता था और कॅरियर बर्बाद करने की धमकी देता था।

एसएसपी को दिये पत्र में ये बातें कहीं

परमात्मा को लिखित में दिया गया कि आप नो ड्यूज कराकर जा सकते हैं

उसने अपने गाइड प्रो। अनुपम अग्रवाल से नो ड्यूज पर हस्ताक्षर का अनुरोध किया।

प्रो। अनुपम ने हस्ताक्षर के बजाय अपने निजी काम के लिये फंसाकर रखा।

इसकी जानकारी परमात्मा ने मामा कृष्ण लाल यादव, भाई अवनीश यादव और चाचा कौशलानंद यादव को दी थी

परमात्मा ने बताया था कि उसका हाईस्कूल का डाक्यूमेंट प्रोफेसर नहीं दे रहा है

प्रोफेसर ने उसे धमकाया था कि इसकी शिकायत कहीं की तो तुम्हारा कॅरियर बर्बाद कर देंगे।

फांसी लगाने से एक दिन पहले 27 अगस्त की रात्रि 08 बजे परमात्मा ने भाई अवनीश को फोन पर बताया कि प्रोफेसर ने अभी तक उसे डाक्यूमेंट नहीं दिये।

अवनीश ने मृतक को समझाया था कि वह प्रोफेसर से बात करेंगे।

तब परमात्मा ने उससे कहा कि वह मानसिक रूप से परेशान है।

इसके बाद अगले ही दिन 28 अगस्त की सुबह उसने फांसी लगा ली

उसे फांसी के फंदे से उतारकर पूनम और मदनानी हास्पिटल लूकरगंज ले जाया गया।

मैने परमात्मा यादव की मौत की जांच सीओ सिविल लाइंस को सौंप दी है। मृतक के भाई ने प्रार्थना पत्र दिया है। इसी के आधार पर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

-आनंद कुलकर्णी,

एसएसपी

एसएसपी से मिलने के बाद मृतक के भाई ने शुक्रवार को दिन में 12 बजे मुझसे मुलाकात की। मैने डायरेक्टर को फोन पर सूचित किया है कि परमात्मा की जिस लैब को सील किया गया है उसे पुलिस की मौजूदगी में ही खोला जायेगा।

-श्रीशचन्द्र,

सीओ सिविल लाइंस

मैने भाई से हुई बातों को पुलिस अफसरों के सामने रख दिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि यदि प्रोफेसर जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ साक्ष्य है तो कार्रवाई जरूर होगी।

अवनीश चन्द्र यादव

भाई मृतक परमात्मा

Posted By: Inextlive