- अधिकारियों के कार्यालय तक केरोसिन कैन लेकर पहुंच रहे फरियादी

आगरा। जनता परेशानी में अपनी आवाज उठाने के लिए कानून को भी हाथ में लेने से गुरेज नहीं कर रही है। वह कार्रवाई नहीं होने पर आत्मदाह जैसे कदम उठाने को तैयार रहती है। ये प्रवृत्ति अब ज्यादा ही बढ़ गई है। फरियादी अपनी बात सक्षम अधिकारी के सामने रखने तक के लिए केरोसिन कैन साथ लेकर पहुंच रहे हैं। पीडि़त अपने को न्याय दिलाने के लिए ये तरीका अपना रहे हैं, जबकि कानून इसे मान्यता नहीं देता है। वहीं अधिकारी भी ऐसे पीडि़तों की बात ध्यान से सुनकर समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

फिर अधिकारी भी गौर से सुनते हैं

ऐसे में सवाल ये है कि कानून जिसे मान्यता नहीं देता, उन्हें अधिकारी सुनने को क्यों मजबूर होते हैं? यानी अधिकारियों को आभास है कि पीडि़त को न्याय नहीं मिला है और वह मजबूरन ऐसे बड़े कदम उठाने को मजबूर हुआ है। कलेक्ट्रेट में हर महीने ऐसी घटनाएं घट रहीं हैं और लोग तेल की कैन लेकर अपनी गुहार लगाने पहुंच रहे हैं। अधिकारियों से मुलाकात में देरी या बात नहीं बनने पर केरोसिन डालने पर उतारू हो जाते हैं। फिर पुलिस प्रशासन जागता है और कैन जब्त करता है। मई महीने में ही ऐसी दो घटनाएं हो चुकी हैं। ये सरकारी सिस्टम पर सवाल है?

23 मई 2017

एक दिव्यांग महिला अपनी नाबालिग बच्ची के साथ एसएसपी से फरियाद लगाने पहुंची। एसएसपी से मुलाकात में देरी हुई, तो केरोसिन कैन निकालकर डालने का प्रयास किया। इसके बाद तैनात पुलिस कर्मियों का ध्यान उधर गया और तत्काल कैन को कब्जे में लिया। फिर एसएसपी से मुलाकात भी कराई गई।

16 मई 2017

सदर तहसील में तहसील दिवस के दौरान पिता और पुत्री केरोसिन लेकर पहुंच गए। उनके मकान में किराएदार ने कब्जा कर रखा था। इस पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज पिता-पुत्री ने केरोसिन डालकर आत्महत्या की धमकी दी। पुलिस ने बाद में दोनों से तेल का कैन जब्त किया।

Posted By: Inextlive