- जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में नहीं सुनी जाती छात्राओं की परेशानी - कौशल विकास योजना के तहत तीन साल पहले शुरू हुई थी लेटर बॉक्स की योजना GORAKHPUR: मैम मुझे घर जाना है, मुझे मेनू के हिसाब से खाना नहीं मिलता है। मैम घर जाने की कब इजाजत मिलेगी? ये परेशानी भरे सवाल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के हैं, जिन्हें सुनने वाला कोई नहीं है। ये हाल तब जब इन विद्यालयों में छात्राओं के लिए अपनी समस्याएं बताने के लिए योजना चालू है। जिसके तहत छात्राएं अपनी परेशानियों से संबंधित लेटर लिख एक लेटर बॉक्स में डाल सकती हैं। लेकिन तीन साल से चल रही ये योजना महज दिखावा बनकर रह गई है। कोई समस्या होने पर छात्राएं कहते हार जाती हैं, लेकिन विद्यालय के जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। हाल तो नहीं पर नाम बदला बता दें, जिले में कुल 20 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय हैं। प्रत्येक कस्तूरबा विद्यालय में 100 छात्राएं पढ़ती हैं। इस तरह दो हजार छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रहने के साथ पढ़ाई करती हैं। तीन साल पहले इन विद्यालयों में कौशल विकास योजना के तहत 'मुझे कुछ कहना है' नाम का एक बॉक्स रखा गया, जिसमें छात्राएं अपनी परेशानियां लेटर के रूप में डाल सकती थीं। जिन्हें दूर कराने की जिम्मेदारी वार्डन की थी। लेकिन कई शिकायतों के बाद भी छात्राओं के लेटर्स के जवाब में कार्रवाई नहीं हुई। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को काफी वक्त से शिकायतें मिल रही थीं। जिसपर अब इस बॉक्स का नाम बदल 'मन की बात' कर दिया गया है। सोमवार से इसकी शुरुआत की गई। अब देखना है कि बॉक्स का नाम बदलने मात्र से ही छात्राओं की परेशानियां कितनी दूर हो पाती हैं। ऐसी परेशानियां लेकिन सुलझी एक भी नहीं - मैडम जी मेन्यू के हिसाब से खाना नहीं मिलता है - तबीयत बिगड़ने पर घर जाने की अनुमति दे दीजिए - कहीं घूमने फिरने के लिए विद्यालय की तरफ से नहीं भेजा जाता है - विद्यालय में कूलर और ठंडा पानी पीने की व्यवस्था करने की मांग - ड्रेस गंदी हो गई है लेकिन साफ करने वाला कोई नहीं। - रिबन, चप्पल की डिमांड - ठंड बढ़ गई है तो स्वेटर और स्कार्फ दिला दीजिए। फैक्ट फिगर - जिले भर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय - 20 - कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं - 2,000 - प्रत्येक विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं- 100 वर्जन मन की बात योजना के तहत प्रत्येक कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के वार्डन को छात्राओं की समस्या सुननी होगी। इसके लिए कार्यालय आदेश भी जारी किया जा रहा है। - रामसागर पति त्रिपाठी, बीएसए, गोरखपुर

Posted By: Inextlive