-प्रक्रिया बेहद जटिल होने से नहीं कर पा रहे लोग शिकायत

-जीएसटी लागू होने के बाद से कठिन हुई शिकायत की प्रक्रिया

-निष्क्रिय हो गया मुनाफाखोरी रोधी अधिनियम

GORAKHPUR: मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के लिए लागू किया गया मुनाफाखोरी रोधी अधिनियम केवल कागजों में ही सिमट कर रह गया है। कानून लागू होने के आठ महीने बाद भी किसी भी व्यापारी के खिलाफ कार्यालय में अभी तक एक भी शिकायत नहीं आई है। जबकि, कई वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम होने के बाद भी लोगों से अधिक दाम वसूला जा रहा है।

जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद लोगों के विरोध पर 215 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में संशोधित किया गया था। इससे कुछ प्रोडक्ट और सर्विसेज का रेट कम हो गया था, लेकिन इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल रहा था। इसके तहत कास्मेटिक, होटल, रेस्तरां आदि को 18 से हटाकर एक प्रतिशत जीएसटी की स्लैब में शामिल किया गया था। साथ ही कई और प्रोडक्ट के जीएसटी स्लैब में भी परिवर्तन किया गया था। यह लाभ आम लोगों को भी मिल सके यही सुनिश्चित करने के लिए अधिनियम को लागू किया गया था।

शिकायत की प्रक्रिया है जटिल

मुनाफाखोरी रोधी अधिनियम के तहत किसी व्यापारी के खिलाफ शिकायत करने के लिए अभी उपभोक्ता को लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है। शिकायतकर्ता को इस समय जीएसटी के पहले और बाद के प्रोडक्ट की बिक्री का रेट देना पड़ता है, कम्पनी का जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर, प्रोडक्ट के 6 अंकों वाला एचएसएन कोड जैसे विवरण देना होगा। यह भी एक मुख्य कारण है जिसके कारण लोग शिकायत करने से बचते हैं।

पहले से ही था विवादित

मुनाफाखोरी रोधी अधिनियम को लागू करने के पीछे सरकार ने तर्क दिया था कि व्यापारियों द्वारा अनुचित तरीके से कीमतों के साथ छेड़छाड़ कर मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति पर यह रोक लगाएगा। व्यापारियों ने कहा था कि मुनाफाखोरी को किस तरीके से लागू किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके लागू होने से किसी भी मुनाफा कमाने वाले व्यापारी के ऊपर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया जा सकता है। व्यापारियाें ने निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का सुझाव दिया थ्ा।

वर्जन

अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। यदि किसी व्यापारी के खिलाफ शिकायत आती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

विजय कुमार

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1

जीएसटी से आम कंज्यूमर को लाभ मिल सके इसे के तहत मुनाफाखोरी रोधी अधिनियम लागू किया गया था। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।

मोहित अग्रवाल, सीए

Posted By: Inextlive