PATNA: पटना नगर निगम में अधिकारी और मेयर के बीच चल रहे विवाद और डिप्टी मेयर के पद को लेकर खींचतान का असर निगम की ओर से लांच की गई 'अपना पटना मोबाइल एप' पर भी पड़ रहा है. तभी तो एप पर शहरवासियों द्वारा दर्ज शिकायतों की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है.

 

 

इसके बावजूद निराकरण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आलम यह है कि निगम द्वारा जारी पत्र के मुताबिक 18 दिसम्बर को लॉचिंग से लेकर 4 जनवरी तक 541 शिकायतें दर्ज की गई, लेकिन 53 शिकायतों का निपटारा निगम कर पाया है। बाकी  शिकायतों को दूसरे विभाग का बताकर उसे वर्क अंडर प्रोसेसिंग में डाल रखा है।

 

ऐसे होती है शिकायत

एप में अलग-अलग तरह की शिकायत दर्ज कराने के लिए आठ कॉलम दिए गए हैं। इन कॉलम्स में अपनी शिकायत लिखनी होती है। उससे संबंधित फोटो भी अपलोड किया जा सकता है। उसके बाद यह शिकायत संबंधित अधिकारी के पास चली जाती है। जिसके बाद वह संबंधित अधिकारी को उसके निराकरण के लिए उसे भेजता है। आम लोगों की समस्या को दूर करने के लिए कुल 98 अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया गया है। कुल आठ कॉलम में सबसे ज्यादा कचरा उठाव को लेकर लोगों की समस्या है और उसकी ही शिकायतें सबसे ज्यादा आई हैं। कुल 541 में से 158 शिकायतें सिर्फ कचरा के निष्पादन से संबंधित है। उसके बाद अवैध रूप से कन्स्ट्रक्शन के 96 और स्ट्रीट लाइट के 70 मामले हैं।

 

डिप्टी मेयर विवाद की सुनवाई 25 को

पटना नगर निगम में डिप्टी मेयर के पद का ताज किसके सिर सजेगा, यह 25 जनवरी को ही पता चल पाएगा। क्योंकि इस मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ 25 जनवरी को सुनवाई करेगी। पिछले 19 जनवरी को सुनवाई होनी थी, जो किसी कारणवश नहीं हो पाई। कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही उपमहापौर के पद पर रूप नारायण मेहता के बैठने के बाद चुनाव जीत कर उपमहापौर बनी अमरावती देवी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थीं। जिसमें पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट के डबल बेंच ने अगले आदेश होने तक रूप नारायण मेहता और अमरावती देवी दोनों को उपमहापौर की कुर्सी से अलग रहने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि दोनों ही अपनी ओर से उपमहापौर पद पर दावा कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive