400 साल पुरानी पुस्तक में कंप्यूटर जैसा 'की-बोर्ड'
फलादेश व अन्य गणनाओं का उल्लेख भीइसमें कंप्यूटर जैसा 'की-बोर्ड' है, साथ ही फलादेश व अन्य गणनाओं का उल्लेख भी. इसे सुरक्षित रखने के लिए पटना म्यूजियम भेजी जा रही है. पुस्तक के स्वामी देव मुनी के नाम से विख्यात बिहार के सीतामढ़ी जिला के रीगा के रेवासी गांव निवासी ज्योतिषाचार्य नागेंद्र मिश्र का दावा है कि इसमें लिखी हर बात सही है. इसकी मदद से की गई भविष्यवाणी, अक्षरश: सही होती है. यह बात धीरे-धीरे इस कदर फैल गई कि लोगों का हुजूम ज्योतिषाचार्य के पास उमडऩे लगा. जमीन, करियर या संतति संबंधी समस्याएं लोग लेकर आने लगे.पटना म्यूजियम की शोभा बढ़ाएगी दुर्लभ किताब
देव मुनी साल में छह माह रीगा स्थित अपनी कुटी (बिहार सर्वोदय मंडल) में और बाकी छह माह दिल्ली के राजघाट में बिताते हैं. बापू को आदर्श, भगवती व अपनी मां को प्रेरणा स्वरूप देखने वाले 65 वर्षीय मिश्र चुनाव के दौरान मतदाताओं में मताधिकार के लिए अलख जगाने व मतदान केंद्र पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों को पानी से लेकर अल्पाहार पहुंचाने का काम भी करते रहे हैं. यही वजह है कि स्थानीय प्रशासन व संगठनों द्वारा कई बार सम्मानित किए जा चुके हैं. पिछले दिनों वह पटना म्यूजियम गए, तो एहसास हुआ कि दुर्लभ किताब भी धरोहर है. सो, इसके लिए म्यूजियम ज्यादा सुरक्षित है. अगले माह से यह किताब म्यूजियम की शोभा बढ़ाएगी. वह कहते हैं कि म्यूजियम में विदेशी सैलानी आएंगे, तो उन्हें भारत की कला, संस्कृति व धरोहर के अलावा कंप्यूटर शिक्षा का एहसास होगा.