उत्तरी ओडिशा में बाढ़ की स्थिति में बुधवार से कुछ सुधर आया है लेकिन सबसे अधिक प्रभावित बालेश्वर ज़िले में अभी भी हज़ारों लोग पानी के घेरे में हैं.


बूढ़ाबलंग और बैतरनी नदियों में पानी का स्तर अब ख़तरे के निशान से नीचे है, जिससे मयूरभंज, भद्रक और जाजपुर ज़िलों में बाढ़ की स्थिति काफी हद तक सुधरी है. लेकिन बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित बालेश्वर ज़िले में अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.बालेश्वर में राहत और बचाव कार्य की निगरानी के लिए जिले में तैनात किए गए वरिष्ठ अधिकारी अरबिन्द पाढ़ी ने बीबीसी को टेलीफ़ोन पर बताया, ''दो दिन के बाद आज आखिरकार स्वर्णरेखा नदी का जल स्तर ख़तरे के निशान के नीचे आया है. स्वर्णरेखा का जलस्तर 10.30 मीटर था, जो ख़तरे के निशान से 6 सेंटीमीटर कम है."अरबिन्द पाढ़ी ने कहा कि बचाव कार्य में तैनात सेना की टुकड़ियों को हटा लिया गया है क्योंकि नदियों में बहाव कम होने के बाद अब अधिकांश प्रभावित गांवों में नाव के जरिए पहुंचना संभव है.राहत


इस बीच, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तूफ़ान और बाढ़ में मरने वालों के परिवारों को चार लाख रुपए मुआवज़े के तौर पर दिए जाने की घोषणा की है. इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हर मृतक के परिवार के लिए दो लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री ने राहत सामग्री लूटने वालों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार करने का आदेश दिया है.इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के प्राकृतिक आपदा खतरा नियंत्रण के सेक्रेटरी जनरल मार्गरेटा कहल्स्त्रोम ने तूफ़ान से पहले करीब नौ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों में स्थानांतरित करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि ओडिशा सरकार की इस सफलता को एक मिशाल के तौर पर दुनिया के अन्य देशों सामने में रखा जाएगा.

Posted By: Subhesh Sharma