RANCHI : जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के विरोध में अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार बुधवार से शुरु हो गया जो तीन दिनों तक जारी रहेगा। अधिवक्ताओं द्वारा काम नहीं करने पूरे कार्यलय में सन्नाटा पसरा रहा। यहां कुल 105 अधिवक्ता मध्यस्थ और पैनल अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। दरअसल, रांची जिला बार एसोसिएशन ने डालसा की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है। एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने बताया कि 30 दिसंबर की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।

हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि डालसा द्वारा अधिवक्ताओं के कायरें में हस्तक्षेप से विवश होकर ऐसे कदम उठाने पड़े हैं। डालसा में कार्यरत पैनल अधिवक्ता अपने ही एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो कार्य डालसा के अधीन नहीं है, वह काम भी करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं, प्री लिटिगेशन करवाकर लोक अदालत के माध्यम से उसे कोर्ट आर्डर में तब्दील कर दिया जा रहा है। जिसकी उपरी अदालत में कोई अपील भी नहीं की जा सकती है। चेक के मामले में शिकायतकर्ता को कम राशि देकर मामले का निपटारा करवा दिया जा रहा है। प्लीड गिल्टी करवा कर भी मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है जो नाजायज है।

अधिकार क्षेत्र से बाहर काम कर रही डालसा

डालसा का मुख्य काम, विधिक जागरूकता, मध्यस्थता द्वारा मुकदमे को सुलझाना है। लेकिन, अब वो अपने पैनल अधिवक्ताओं के द्वारा सेशन ट्रायल के मुकदमे, चेक बाउंस के मुकदमे तथा अन्य सभी ऐसे मुकदमों में अपने पैनल अधिवक्ताओं को इंगेज करने लगी है। जिसे एक सामान्य अधिवक्ता करता है।

Posted By: Inextlive