-नाम न छापने की शर्त पर एक बागी विधायक ने दी जानकारी

-कई दौर की बैठक के बाद नई पार्टी का ड्राफ्ट तैयार- सूत्र

-ऐलान से पहले कर रहे हैं कोर्ट के फैसले का इंतजार

देहरादून,

कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने अपनी नई पार्टी का मसौदा तैयार कर लिया है। यहां तक कि नाम भी तय कर लिया है। इस नई पार्टी का नाम रखा गया है 'उत्तराखंड कांग्रेस'। हालांकि नाम में बदलाव भी किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल इस नाम पर सबकी सहमति बन गई है। ये जानकारी बागियों में से ही एक विधायक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर दी। इस विधायक का कहना था कि देहरादून और दिल्ली में कई दौर की बैठकों और रणनीति बनाने के बाद सभी नौ साथी नई पार्टी बनाने को लेकर आगे बढ़े हैं।

कोर्ट पर निगाहें, खुद पर भरोसा

प्रदेश में बीते 18 मार्च से लेकर अब तक सियासी संग्राम जारी है। सियासी संकट को लेकर सबकी निगाहें अदालत के फैसलों पर टिकी हैं। फैसले में हो रही देरी और फिर नजदीक आते चुनावों को देखते हुए ही बागियों ने अपनी रणनीति बनाई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल चुनावी तैयारियों में जोर शोर से लग गए हैं। ऐसे में बागियों को लग रहा है कि वे पीछे रह जाएंगे। सदस्यता बची तो खुद चुनावी मैदान में उतरना है और सदस्यता गई तो फिर क्या होगा। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में बागी अपने परिवार वालों या सगे संबंधियों को मैदान में उतारने की बात कह रहे हैं। इसके लिए उनकी नई पार्टी ही काम आएगी। बीजेपी भी अब उनको ज्यादा भाव नहीं दे रही है और कांग्रेस में वापसी की बात को वे पहले ही खारिज कर चुके हैं। कांग्रेस आलाकमान पहले ही उनको दरकिनार कर चुका है।

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कई नामों पर हुआ विचार

सूत्र बता रहे हैं कि बागियों ने पूर्व सीएम स्व। हेमवती नंदन बहुगुणा के जन्मदिन के दिन नई पार्टी को लेकर आगे चलने पर रणनीति बनाई। सभी विधायकों के कांग्रेस विचारधारा के होने के कारण पार्टी का नाम भी कांग्रेस से जोड़ने पर विचार हुआ। इधर, राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि आगामी चुनाव में बागी विधायक अपनी पार्टी के जरिए किंग मेकर की भूमिका में हो सकते हैं। जिन विधानसभा सीटों से वे विधायक रहे हैं वहां कांग्रेस-बीजेपी दोनों के पास उनके मुकाबले के प्रत्याशी नहीं हैं।

::वर्जन::

यह सच है कि दो ही ऑप्शन हैं। बीजेपी या फिर नई पार्टी। पार्टी के नाम के लिए भी कई ऑप्शन हैं। उत्तराखंड कांग्रेस भी नाम रखा जा सकता है। अगर पार्टी बनी तो सभी 70 सीटों पर लडें़गे। कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

सुबोध उनियाल, बागी विधायक।

हमारे पास सारे ऑप्शन खुले हैं। मैं दिल्ली में हूं और यहां सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। कोर्ट का फैसला आने के बाद ही सब क्लीयर करेंगे।

डॉ। हरक सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री।

अभी कोर्ट के फैसले का सभी विधायकों को इंतजार है। चुनाव तो लड़ना ही है। नई पार्टी के लिए सारे विधायक फिर से बैठेंगे, उसके बाद सर्वसम्मत्ति से निर्णय लिया जाएगा।

शैलारानी रावत, बागी विधायक।

मेरे लिए कांग्रेस बेवफा सनम हो गई है। नई पार्टी पर अभी कुछ नहीं कहूंगा। हम नौ एकजुट हैं। जो भी होगा वो सर्वसम्मति से लिया जाएगा। सभी विधायक हर पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।

कुंवर प्रणव चैंपियन, बागी विधायक

देखिए, अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे ही अदालत का फैसला आएगा, सभी विधायक अपनी स्थिति साफ कर देंगे। लेकिन फिलहाल सारे विधायक वेट एंड वाच की स्थिति में हैं।

डॉ.शैलेंद्र मोहन सिंघल, बागी विधायक

Posted By: Inextlive