उत्तराखंड में आई आपदा के बाद केदारनाथ की स्थानीय कांग्रेस विधायक शैला रानी रावत ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए है. पढ़िए इस रिपोर्ट में


केदारनाथ में जब जल-प्रलय आया तो मैंने शासन-प्रशासन से दूसरे दिन ही कह दिया था कि एक हजार लोग या तो लापता हैं या फिर जल-प्रलय की गोद में समा गए हैं, लेकिन हमारी सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. मेरे अपने ज़िले के कम से कम 1200 लोग मर गए हैं लेकिन सरकार गलत आँकड़े दे रही है. कितनी अजीब बात है कि इतने लोग मर गए हैं और आप अभी भी झूठे आँकड़े दे रहे हैं. मैं वहां की विधायक हूं और सरकार ने आज तक मुझसे कोई बात नहीं की है, न तो क्षेत्र के प्रभावित लोगों को कोई सुविधा दी है.प्रभावित लोगों के परिवारों से मैं मिलने गई, लोग रो रहे हैं. लोगों ने अपनों को खोया है, अपनी संपत्ति खोई है, लेकिन सरकार झूठ पर झूठ बोले जा रही है.


मैं वहां की विधायक हूं और पूरे यकीन के साथ कह रही हूं कि मरने वालों का आँकड़ा दस हजार के ऊपर है.जमीनी हकीकतये लोग नहीं समझ सकते, ये सिर्फ हवाई दौरे कर सकते हैं. ये जमीनी बात और समस्या को समझ ही नहीं सके.

दरअसल सरकार के पास कोई योजना ही नहीं है, कोई एक्शन प्लान ही नहीं है. वो आते हैं, जल्दबाजी में मीटिंग करते हैं और फिर आश्वासन देकर चले जाते हैं.यहां अधिकारियों की तैनाती तक ठीक से नहीं हुई है. हर तीन महीने में जिलाधिकारी बदल जाते हैं. मैं पिछले डेढ़ साल से इस बारे में आगाह कर रही हूं लेकिन इस सरकार ने इन चीजों को कभी गंभीरता से नहीं लिया.मैंने दो दिन पहले ही सेना को तैनात करने की मांग की थी और यदि ऐसा कर दिया होता तो हम दो-तीन हजार लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचा लेते.

Posted By: Satyendra Kumar Singh