महीना है पाक रमजान का। अब कोई मौका अच्‍छा हो और कोई राजनीतिक पार्टी उससे चूक जाए ऐसा भला कैसे हो सकता है। इसी क्रम में जगह-जगह अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां रमजान के मुकद्दस मौके को लेकर इफ्तार पार्टियों का आयोजन करने में लगी हुई हैं। ऐसे ही मौके को भुनाने के लिए राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी 13 जुलाई को नई दिल्ली में इफ्तार पार्टी का आयोजन रखा है। इस पार्टी के जरिए वह भाजपा विरोधी पार्टियों में एकजुटता बनाने की प्रयासों में जोर-शोर के साथ लगी हुई हैं।

ममता बनर्जी ने बताया ये कारण
सोनिया गांधी की इस इफ्तार पार्टी में हिस्सा लेने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया था। बड़ी बात ये हुई कि ममता बनर्जी ने इस न्योते को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। इसका मतलब ये है कि वो इस इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होंगी। सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो ममता बनर्जी ने इस न्योते से इंकार करते हुए ये कहा है कि वह भी अपने राज्य में इफ्तार पार्टी का आयोजन करने जा रही हैं। ऐसे में वह दिल्ली आने के लिए समय नहीं निकाल सकेंगी।
 
इन्होंने भी किया इंकार
याद दिला दें इससे पहले सोनिया गांधी ने अपनी इफ्तार पार्टी के लिए माकपा के राष्ट्रीय सचिव सीता राम येचुरी को भी आमंत्रण भेजा था। सोनिया के इस आमंत्रण को उन्होंने भी ठुकरा दिया था। इसका मतलब ये है कि वह भी सोनिया की इस पार्टी में शामिल नहीं होंगे। इनके अलावा सोनिया ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी न्योता भेजा था। इनके आमंत्रण को लालू यादव ने भी ठुकरा दिया। उन्होंने भी पार्टी में शामिल न हो पाने के लिए खुद के राज्य में इफ्तार पार्टी के आयोजन को कारण बताया था।
सोनिया के इरादों पर फिर पानी  
वहीं पार्टी में शामिल होने वालों में माकपा सांसद मोहम्मद सलीम का नाम सबसे ऊपर है। वह दिल्ली में आयोजित इस इफ्तार पार्टी में जरूर शामिल होंगी। इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस इफ्तार पार्टी के माध्यम से सोनिया भाजपा विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास में थीं, लेकिन उनके इस प्रयास पर बुरी तरह से पानी फिर गया।

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Posted By: Ruchi D Sharma