- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा फिर विवादों में घिरी

- निवास प्रमाण पत्र की डेट के आधार पर फ्राड का आरोप लगाते हुए ओबीसी अभ्यर्थी कर रहे प्रोटेस्ट

ALLAHABAD: पुलिस कांस्टेबल भर्ती की पारदर्शिता फिर सवालों में है.अब ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ धोखा हो रहा है। जाति प्रमाण पत्र को लेकर मिस गाइड किया जा रहा है। ख्0 अगस्त ख्0क्फ् के बाद बने निवास प्रमाण पत्र जमा करने पर ओबीसी कैंडीडेट को जनरल में शामिल कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है।

आफिस पहुंच सुनाया दर्द

इलाहाबाद में ज्यादातर लड़के बाहर से आकर स्टडी करते हैं। आई नेक्स्ट आफिस पहुंचे सिकंदर मौर्या, जीतेन्द्र वर्मा, अखिलेश यादव, आशीष गुप्ता व मोनू यादव ने अपना दर्द बयां किया। बताया कि मिर्जापुर में इनकी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जाति प्रमाण पत्र की कापी जमा करनी थी। वहां पता चला कि क् अप्रैल ख्0क्ख् से लेकर ख्0 अगस्त ख्0क्फ् के बीच का ही जाति प्रमाण पत्र बना होना चाहिए। इसके बाद की डेट वाले जाति प्रमाण पत्र पर कैंडीडेट को ओबीसी से हटाकर जनरल कोटे में शामिल कर दे रहे हैं। जनरल कैटेगरी में आने से उन्हें एज पर छूट नहीं मिली और सभी एग्जाम से बाहर हो गए। छात्रों ने बताया कि ऐसा सैकड़ों ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ हुआ। अपनी मांगों को लेकर ओबीसी अभ्यर्थियों ने बुधवार को कैंडिल मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले में इलाहाबाद पुलिस कांस्टेबल भर्ती के नोडल अधिकारी ने बताया कि पुलिस भर्ती की विज्ञप्ति में ही इस बात का जिक्र कर दिया गया था कि एक अप्रैल ख्0क्ख् से लेकर ख्0 अगस्त ख्0क्फ् के बीच बने जाति प्रमाण पत्र ही स्वीकार किए जा जाएंगे। शासन की ओर से सभी सेंटर को दोबारा नोटिस भेज कर जानकारी दी गई है। इसमें फ्राड जैसी कोई बात नहीं है।

पहले से ही चल रहा विरोध

पुलिस भर्ती एग्जाम को लेकर इलाहाबाद में पहले से ही विवाद चल रहा है। प्रतियोगी छात्रों ने आरोप लगाया था कि पुलिस भर्ती में कुछ ऐसे लोगों का मेडिकल के लिए काल आया जो मेरिट से कम नंबर पाने वाले थे। इसको लेकर इलाहाबाद में कई दिनों तक प्रोटेस्ट भी हुआ।

Posted By: Inextlive