सफाई की सफाई, साथ में कमाई
-रेलवे ने नॉन एसी वेटिंग हॉल मेनटेनेंस के लिए तय की फर्म
-साफ-सफाई के साथ रेनोवेशन और सुविधाएं उसके जिम्मे -टॉयलेट को भी बेहतर करने के लिए फर्म को ही जिम्मेदारी -फर्म देगी रेलवे को 30-35 लाख रुपए सालानाGORAKHPUR: पैसेंजर्स को बेहतर फैसिलिटी मुहैया कराने के लिए रेलवे लगातार कंस्ट्रक्शन वर्क करने में जुटा है। फैसिलिटी बेहतर करने के लिए सिर्फ गोरखपुर जंक्शन पर आधा दर्जन से ज्यादा वर्क चल रहे हैं, जिनमें कुछ वर्क कंप्लीट होने के कगार पर हैं। इस सीरीज में जिम्मेदारों ने एक स्टेप और आगे बढ़ाया है। जंक्शन के नॉन एसी वेटिंग हॉल को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इसका वर्क कंप्लीट होने के बाद इसका प्रॉपर रख-रखाव हो सके और पैसेंजर्स एमिनिटीज के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, इसके लिए रेलवे ने एक फर्म को जिम्मेदारी सौंप दी है। यह फर्म वेटिंग हॉल कंप्लीट होने के बाद इसको रेनोवेट करेगी और पैसेंजर्स एमिनिटीज से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे जंक्शन का नॉन एसी वेटिंग हॉल में साफ-सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होगी, वहीं इसके एवज में कंपनी रेलवे को पैसा भी देगी।
रेलवे को डबल फायदावेटिंग हॉल को रेलवे डेवलप कर रहा है। इसे मेनटेन रखा जा सके, इसके लिए यह स्टेप उठाया गया है। इससे जहां पैसेंजर्स को आराम मिल सकेगा, वहीं रेलवे की कमाई भी होगी। फर्म रेलवे को हर साल करीब फ्0 से फ्भ् लाख रुपए मुहैया कराएगी। ऐसा इसलिए कि रेलवे ने जिस फर्म को चुना है, वह हॉल को मेनटेन करने के लिए विज्ञापन लगाएगा, इसके लिए वह पार्टी से जो भी पैसा लेगा, उसका पेमेंट रेलवे को भी करेगा। वहीं टॉयलेट और साफ-सुथरा करने की जिम्मेदारी भी इसी फर्म को दी गई है, जहां वह जेंट्स बाथरूम में उनसे जुड़े और लेडीज बाथरूम में लेडीज से जुड़े ऐसे विज्ञापन लगा सकेगा, जिन्हें सार्वजनिक जगहों पर लगाने में लोग गुरेज करते हैं। इससे भी कंपनी और रेलवे दोनों की ही आमदनी होगी।
नॉन एसी वाले पैसेंजर्स पर भी ध्यानदुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के पश्चिमी हिस्से में जीआरपी थाने के पास बने वेटिंग हॉल का कायाकल्प चल रहा है। इसकी फ्लोरिंग का काम कंप्लीट हो चुका है, वहीं फिनिशिंग की जा रही है। इसके बाद नेक्स्ट फेज में इसको रेनोवेट किया जाएगा, जिसके लिए फर्म को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें वेटिंग हॉल के साथ ही टॉयलेट को भी शामिल किया गया है, जिससे नॉन एसी का सफर करने वाले पैसेंजर्स को भी बेहतर वेटिंग हॉल मिल सके और उन्हें ट्रेन का इंतजार करने के लिए वेटिंग हॉल में बैठने के दौरान कोई परेशानी न हो और अगर वह टॉयलेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उन्हें साफ-सुथरा टॉयलेट मिल सके।
गोरखपुर जंक्शन एक नजर प्लेटफॉर्म - क्0 प्लेटफॉर्म एफओबी - फ् फूटफॉल - लगभग फ्8 हजार डेली रोज गुजरने वाली ट्रेंस - क्म्क् कैब-वे - ख् पैसेंजर्स की फैसिलिटी के लिए नॉन एसी वेटिंग रूम को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इससे लोगों को बैठने के लिए बेहतर फैसिलिटी मिलेगी। टॉयलेट को भी बेहतर किया जाएगा और साफ-सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी भी प्राइवेट फर्म की होगी। यह कंपनी रेलवे को पैसा भी देगी। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे