बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित बिजली दर इजाफे पर नियामक आयोग इसी सप्ताह फैसला सुनाने जा रहा है।


* रेग्यूलेटरी सरचार्ज खत्म, फिर भी पड़ेगी दर बढ़ोत्तरी की मारलखनऊ (ब्यूरो)। पॉवर कार्पोरेशन दबाव बनाकर शहरी घरेलू ग्रामीण व किसानों की बिजली दरों में 10 से 15 फीसद की औसत वृद्धि कराने की साजिश में जुटा है। वहीं दूसरी तरफ उदय स्कीम के अंतर्गत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो 11852 करोड़ रुपया अतिरिक्त निकल रहा है, उस पर बिजली कंपनियां कोई भी सार्थक जवाब नहीं दे पाई हैं। यह कहना है उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का। रेग्यूलेटरी सरचार्ज 4.28 फीसद समाप्त होना तयअवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि रेग्यूलेटरी सरचार्ज 4.28 फीसद समाप्त होना तय है, इसलिए पॉवर कार्पोरेशन चोर दरवाजे से ज्यादा वृद्धि कराकर इसकी भरपाई करना चाहता है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने सीएम व ऊर्जा मंत्री से फिर निष्पक्ष रूप से दरों का निर्धारण करने के निर्देश दिए जाने की मांग उठाई है।


दूर होगी पावर कट की टेंशन, बिजली विभाग को होगा प्राइवेटाइजेशनबढ़ जाएंगी बिजली दरें

10 सितंबर तक बिजली दर बढ़ोत्तरी किए जाने की आशंका है। इसे ध्यान में रखते हुए ही उपभोक्ता परिषद की ओर से लामबंदी तेज कर दी गई है। हालांकि जानकारों की माने तो बिजली दर बढ़ोत्तरी किया जाना तय है। जिससे बिजली कंपनियों का घाटा में जाना बताया जा रहा है। lucknow@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra