- टप्पल से सुरीर तक 'अंधा' बना रहा अथारिटी का निगरानी तंत्र

- सुरीर के पास एक ट्रक को बचाने में रै¨लग से टकराया कंटेनर

- दोपहर बाद तक एक साइड पर प्रभावित रहा ट्रैफिक

मथुरा। टायर फटने तो कभी बेकाबू रफ्तार पर हादसे का ठीकरा फोड़ने वाले एक्सप्रेस वे अथारिटी के इंतजामों की कलई एक बार फिर बुधवार को खुल गई। टप्पल से सुरीर (करीब 50 किलोमीटर) तक एक कंटेनर रॉन्गसाइड पर फर्राटा भरता रहा। इस साइड पर आ रहे वाहन और विपरीत दिशा से आ रहे इस कंटेनर के कारण कई बार हादसे की आशंकाएं बनती रहीं। सुरीर के पास एक ट्रक को बचाने में ये कंटेनर रै¨लग से टकराकर एक्सप्रेस वे किनारे लटक गया। भीषण हादसा भले ही टल गया, लेकिन दोपहर बाद तक कंटेनर के न हटने से इस साइड का ट्रैफिक बुरी तरह से प्रभावित बना रहा।

यमुना एक्सप्रेस वे पर बुधवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे सुरीर के पास माइल स्टोन 80 पर एक कंटेनर रै¨लग से टकरा गया। ये कंटेनर इतना लंबा था कि इससे एक्सप्रेस वे की तीन में से दो लेन कवर कर लीँ। हादसे के थोड़ी ही देर बाद मौके पर एक्सप्रेस वे अथारिटी की पेट्रो¨लग टीम पहुंच गई। टीम ये देखकर हैरान थी कि ये कंटेनर नोयडा से आगरा की ओर विपरीत साइड पर था। पहले तो टीम ने समझा कि कंटेनर बेकाबू होकर रॉन्ग साइड पर आ गया है। मगर कंटेनर चालक खुर्शीद ने जब बताया कि वो तो टप्पल से ही रॉन्ग साइड ही आ रहा है तो टीम के होश उड़ गए। बिहार के रहने वाले चालक खुर्शीद ने'जागरण'को बताया कि वह कंटेनर (एनएल 01के 1073) में हरिद्वार से बोलेरो कारें लेकर कटक जा रहा था। नोएडा की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे पर आगरा चल दिया था। टप्पल के पास एक ढाबे पर खाना खाया और ये सोचकर कि कहीं अगले कट पर वो कंटेनर को अपनी साइड में ले लेगा, रॉन्ग साइड पर ही चलने लगा। खुर्शीद ने बताया कि रास्ते में कई बार दूसरे रोड पर आने के लिए जगह-जगह बने कट को क्रॉस करने का प्रयास किया, मगर कंटेनर इतना लंबा था कि मुड़ ही नहीं पाया और मजबूरी में हम रॉन्ग साइड पर ही लेकर चलते रहे। सुरीर के समीप सामने से आ रहे ट्रक से बचाने के प्रयास में कंटेनर अनियंत्रित होकर नीचे की ओर लटक गया। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआ।

बॉक्स: बस टलते रहे हादसे:: रॉन्ग साइड से आ रहे कंटेनर से एक भी वाहन टकरा जाता तो विगत की तरह यहां पर भी वाहनों में भिड़ंत का सिलसिला चल जाता। बुधवार भोर में हादसे के बाद पेट्रो¨लग टीम मौके पर ही डट गई। कॉशन लगाकर वाहनों को दूर से ही अलर्ट किया जाता रहा। फर्राटा भर रहे वाहन इस कंटेनर के पास आते-आते जैसे-तैसे काबू हो पा रहे थे। इस कंटेनर ने इस साइड की तीन में से दो लेन घेर रखीं थीं। केवल एक ही लेन पर वाहन निकाले जा रहे थे। कई बार तो हादसा टला। पल-पल में यहां पर वाहनों की कतारें भी लगतीं रहीं। दोपहर बाद तक ये कंटेनर यहां से हटाया नहीं जा सका था। एक्सप्रेस वे अथारिटी सूत्रों ने बताया कि इसे हटाने के लिए जिस क्षमता की क्रेन की जरूरत है, उतनी यहां नहीं है। कहीं से मंगाई जा रही है। अपरान्ह बाद करीब पांच बजे ये कंटेनर हटाया नहीं जा सका था।

खुल गई सुरक्षा की कलई

एक्सप्रेस वे अथारिटी वाहनों की सुरक्षा और सुरक्षित सफर के लिए हाईटेक इंतजामों के दावे करती है। मगर बुधवार की इस घटना ने तो इन दावों की धज्जियां ही उडा़ दीं। इस पर तरह-तरह के सवाल भी उठ गए हैँ

Posted By: Inextlive