छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : केयू एडमिनिस्ट्रेशन ने कॉलेजेज से यूजी और पीजी के डिफरेंट सब्जेक्ट्स के लिए गेस्ट फैकल्टीज के नाम मांगे थे, ताकि उनके नाम को अप्रूव करके कॉलेजेज को वापस भेज दिया जाए और स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित न हो। कॉलेजेज द्वारा कई गेस्ट फैकल्टीज के नाम यूनिवर्सिटी भेजे गए, पर अप्रूवल के बाद कॉलेज को जो लिस्ट वापस की गई, उसमें कॉलेज द्वारा भेजे गए कई नाम लिस्ट से गायब हैं। लिस्ट में यूनिवर्सिटी द्वारा नए नाम जोड़ दिए गए हैं। ऐसा ही मामला वीमेंस कॉलेज में भी सामने आया है। सबसे अहम बात तो यह है कि गेस्ट फैकल्टीज के लिए जो नाम यूनिवर्सिटी द्वारा जोड़े गए हैं, उनमें कई तो क्लासेज लेने के लिए एलिजिबल ही नहीं हैं, क्योंकि न तो वे नेट क्वालिफाइड हैं और न ही उन्होंने पीएचडी कर रखा है।

हेड ऑफिस में भी सब्मिट हुए थे बायोडाटा

केयू के वीसी डॉ आरपी सिंह का कहना है कि कॉलेज द्वारा भेजे गए नामों की लिस्ट से उन्हीं का नाम हटाया गया है, जिनके नाम के आगे उनका क्वालिफिकेशन नहीं लिखा गया था। नए नाम जोड़े जाने पर उनका कहना था कि गेस्ट फैकल्टीज के लिए यूनिवर्सिटी हेड ऑफिस में भी पीजी डिपार्टमेंट में बायोडाटा सब्मिट किए गए थे, जिनके नाम को ही लिस्ट में जोड़कर कॉलेज भेजा गया है। यूनिवर्सिटी लेवल से जोड़े गए लोगों के क्वालिफिकेशन पर कॉलेज सवाल उठा रहा है।

जिसके पास मास्टर डिग्री नहीं, वे भी बने टीचर

केयू एडमिनिस्ट्रेशन शुरु से कहता रहा है कि कॉलेज में वही टीचर पढ़ाएंगे जो या तो नेट क्वालिफाइड हों या जिन्होंने पीएचडी कर रखा हो, पर ये बातें सिर्फ कहने तक ही सीमित रह गईं। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ग्रेजुएशन की डिग्री वाले भी वीमेंस कॉलेज में यूजी के गेस्ट फैकल्टीज में शामिल हैं और वे कई साल से यहां पढ़ा रहे हैं। पिछले कई सालों से वीमेंस कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रुप में पढ़ा रहे 60 से ज्यादा टीचर्स में पीएचडी और नेट क्वालिफाइड टीचर्स की संख्या सिर्फ 28 है। यूनिवर्सिटी ने यूजी, पीजी के जिन गेस्ट फैकल्टीज के नाम वीमेंस कॉलेज को भेजे हैं, उनके नाम के आगे क्वालिफिकेशन भी लिखना उचित नहीं समझा गया।

ऑटोनोमस कॉलेज है, प्रिंसिपल जो चाहे करे

वोकेशनल कोर्सेज में पिछले डेढ़ महीने से पढ़ाई नहीं होने को लेकर वीमेंस कॉलेज की कुछ स्टूडेंट्स ने वीसी से फोन पर बात की। स्टूडेंट्स ने कहा कि वीसी ने उनसे प्रिंसिपल से बात करने के लिए कहा। वीसी ने स्टूडेंट्स से यह भी कहा कि वीमेंस कॉलेज ऑटोनॉमस है, इसलिए वहां एकेडमिक लेवल पर सारी व्यवस्था प्रिंसिपल को ही करना चाहिए।

यूनिवर्सिटी ने लिस्ट भेजा पर कॉलेज नहीं को नहीं मिला

वीमेंस कॉलेज में वोकेशनल कोर्स में पढ़ाने के लिए गेस्ट फैकल्टीज के तौर पर कॉलेज द्वारा कुछ टीचर्स के नाम यूनिवर्सिटी को अप्रूवल के लिए भेजे गए थे। केयू के वीसी का कहना है कि सैटरडे को गेस्ट फैकल्टीज के नाम अप्रूव करके कॉलेज को भेज दिए गए हैं, पर कॉलेज की प्रिंसिपल ने सोमवार को कहा कि उन्हें यूनिवर्सिटी से कोई लिस्ट नहीं मिली है। लिस्ट भेजी गई या नहीं, कॉलेज को लिस्ट मिली या नहीं, इससे भी बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर स्टूडेंट्स को किस बात की सजा मिल रही है? क्या वीमेंस कॉलेज में पढ़ने की उन्हें सजा मिल रही? क्या कॉलेज और यूनिवर्सिटी के पॉलिटिक्स में स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ हो रहा? इन सवालों का जवाब देने को कोई तैयार नहीं है।

वीमेंस कॉलेज में वोकेशनल की स्टूडेंट्स का गुस्सा चरम पर

पिछले लगभग डेढ़ महीने से पढ़ाई ठप होने के बाद अब वीमेंस कॉलेज की वोकेशनल कोर्सेज की स्टूडेंट्स का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को फिर से एक बार स्टूडेंट्स प्रिंसिपल से मिलीं और अपनी नाराजगी जाहिर की। कॉलेज में किसी तरह का सॉल्यूशन नहीं निकलने के बाद कॉलेज की स्टूडेंट्स और एबीवीपी ने मिलकर ग्रेजुएट कॉलेज स्थित केयू के ब्रांच ऑफिस में वीसी का पुतला फूंका। एबीवीपी के नगर मंत्री प्रभात शंकर तिवारी का कहना था कि अगर स्टूडेंट्स की पढ़ाई ट्यूज्डे से स्टार्ट नहीं हुई तो ब्रांच ऑफिस को बंद कर दिया जाएगा और ऐसा होने पर पीजी का एडमिशन प्रोसेस रुक जाएगा।

Posted By: Inextlive